नफरत की सियासत और गंगा घाटो का भी हो गया धर्म निर्धारित, हिंदूवादी संगठन ने लगाया पोस्टर “गंगा घाटो पर गैर हिन्दुओ का प्रवेश वर्जित” दिया करार
तारिक़ आज़मी
वाराणसी की शान उस्ताद बिस्मिल्लाह खान साहब का आज वो लफ्ज़ याद आ रहा है जिसमे उन्होंने कहा था कि “हमने नमाज़े भी पढ़ी है, अये गंगा तेरे पानी से वजू करके।” आज गंगा का वो किनारा अपने धर्म निर्धारण के बाद शायद बिस्मिल्लाह साहब को बड़ी शिद्दत से तलाश रहा होगा। सूरज की लालिमा के साथ अपनी साँसों को शहनाई से आवाज़ देने वाले बिस्मिल्लाह साहब तो अब इस दुनिया में नही रहे। मगर अध्यात्म की नगरी काशी में अब गंगा घाटो का भी धर्म निर्धारित हो गया है। ऐसा हम नही कह रहे है, बल्कि गंगा घाटो पर हिंदूवादी संगठनो द्वारा लगाये गए पोस्टर कह रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गंगा घाटों पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध करने वाले विवादित पोस्टर गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा चिपकाए गए। विहिप और बजरंग दल के नेताओं का कहना है कि काशी के गंगा घाटों के अलावा मंदिरों में भी ऐसे पोस्टर लगाने की उनकी योजना है। हालांकि, पुलिस के द्वारा इन पोस्टरों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन, पुलिस इस मसले पर कुछ भी बोलने से कतरा रही है।
वहीं बजरंग दल काशी महानगर संयोजक निखिल त्रिपाठी ‘रुद्र’ का कहना है कि अब हिंदू समाज को अपनी ताकत दिखाते हुए अपने धर्म और समाज की रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा। सारा कुछ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। जिस भी मंदिर या गंगा घाट किनारे कोई विधर्मी अंदर घुसता है तो उसे मौके पर पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाएगा। विहिप महानगर मंत्री राजन गुप्ता का कहना है कि मंदिर व गंगा घाट सनातन धर्म के लोगों की आस्था और श्रद्धा का स्थान है, यहां अन्य धर्मों के लोगों का क्या काम। विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा कि ये धर्म की रक्षा के लिए किया जा रहा है।
काशी के पंचगंगा घाट, रामघाट, मणिकर्णिका घाट और दशाश्वमेध से लगायत अस्सी घाट तक विहिप व बजरंग दल के द्वारा पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें साफ तौर पर लिखा गया है कि काशी के गंगा घाट पर गैर हिंदू का प्रवेश वर्जित है।
बोली सपा “माहोल ख़राब करने का प्रयास”
मामले में सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर भी जारी है। महामृत्युंजय मंदिर परिवार से जुड़े और समाजवादी पार्टी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष किशन दीक्षित का कहना है कि वाराणसी में वैसे भी सभी लोग सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं। सामान्य तौर पर भी न कोई मुसलमान मंदिर में जाता है और न कोई हिंदू मस्जिद में जाता है। फिर इस तरह के बैनर लगाना अनुचित है। सपा नेता ने कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए अब धार्मिक ध्रुवीकरण कर समाज में माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।
कोई विकास नही, कोई समाज की बात नही, सिर्फ नफरत फैला रहे है- सीताराम केशरी
कांग्रेस नेता सीताराम केशरी ने हमसे बात करते हुवे कहा कि वर्त्तमान सरकार केवल हिन्दू मुस्लिम कर रही है। कोई विकास नही, कोई समाज की बात नही। बस एक मुद्दा इनके पास है नफरत फैलाना और ये फैला रहे है। 80% लोगो को 20% लोगो का डर दिखा कर केवल वोट को अपने तरफ बदलना चाहते है। ये बेहद निंदनीय है। गंगा सभी की है। गंगा किसी धर्म विशेष की धरोहर नही है। ये केवल समाज का माहोल ख़राब करने का प्रयास किया जा रहा है। जनता दाल रोटी के लिए परेशान है।