आदिल अहमद
डेस्क। अगर ये आरोप है है तो फिर ये देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला साबित होगा। ABG शिपयार्ड पर 28 बैंको का मिला कर कुल 22,842 करोड़ रुपया घोटाला करने का बड़ा आरोप सामने आ रहा है। स्टेट बैंक आफ इण्डिया ने इस मामले में सीबीआई से शिकायत किया है। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की अगुवाई वाले 28 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर ऍफ़आईआर दर्ज कराई गई है। बताते चले कि ABG शिपयार्ड जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत के काम से जुड़ी कंपनी है।
ऋषि अग्रवाल के अलावा एजेंसी ने तत्कालीन एग्जीक्युटिव डायरेक्टर संथानम मुथुस्वामी, डायरेक्टर्स अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया एवं एक अन्य कंपनी ABG शिपयार्ड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, विश्वास का आपराधिक हनन और पद के दुरुपयोग को लेकर मामला दर्ज किया गया है। बैंक ने 8 नवंबर, 2019 को पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे। इसके बाद बैंक ने उस साल अगस्त में एक बार नए सिरे से शिकायत दर्ज कराई। करीब डेढ़ साल तक छानबीन करने के बाद सीबीआई ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सात फरवरी, 2022 को शिकायत दर्ज किया है।
कंपनी पर आरोप है कि कंपनी ने 28 बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से लोन लिए हैं, जिसमे स्टेट बैंक आफ इण्डिया का करीब 2,468।51 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। फॉरेंसिंग ऑडिट में यह बात सामने आई है कि 2012-17 के बीच में आरोपियों ने आपस में साठगांठ कर फंड को डाइवर्ट करने, अनियमितता और आपराधिक विश्वास हनन जैसी अवैध गतिविधियां कीं। ऍफ़आईआर में कहा गया है कि बैंकों ने जिन उद्देश्यों के लिए फंड रिलीज किए, उसकी बजाय उनका उनका इस्तेमाल किसी और काम के लिए किया गया।
बताते चले कि ABG शिपयार्ड लिमिटेड एक प्राइवेट सेक्टर की शिपिंग बिल्डिंग कंपनी है जो जहाज़ निर्माण और उसके मरम्मत का कार्य करती है। कंपनी बालक करियर्स, डेक बर्गेस, बोट, एंकर हैंडलिंग सप्लाई शिप, Interceptor, Tugs और ऑफशोर वेसेल्स का निर्माण करती है। कंपनी भारत में कॉमर्शियल और सरकारी कस्टमर्स को सर्व करती है। यह कंपनी के शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित है।
अब जब इस प्रकार का एक और बैंकिंग घोटाला सामने आया है तो यह विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे बैठा है। इसके पहले हुवे बैंकिंग घोटालो में विपक्ष सरकार को हमेशा घेरता रहा है। चाहे वह विजय माल्या प्रकरण हो अथवा मेहुल चोकसी प्रकरण। विपक्ष के निशाने पर सरकार रही है। अगर घोटाले के आरोप सही है तो ये देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला होगा। डेढ़ साल तक जांच के बाद सीबीआई ने ये ऍफ़आईआर दर्ज किया है। बेशक इस देरी पर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में लगा हुआ है।
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