शाहीन अंसारी
वाराणसी। नवसाधना, तरना में राइज एंड एक्ट के तहत “राष्ट्रीय एकता शांति व न्याय” विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने सामाजिक मुद्दों पर अपने लेख प्रस्तुत किये और संविधान मूल्यों के संरक्षण पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ऐसी हो जो व्यवस्था को पारदर्शी बनाने में मदद करे। इसी क्रम में शोध छात्रा अर्सिया खान ने घुमंतू जातियों की दशा व दिशा पर चर्चा करते हुए उनके सामाजिक, आर्थिक जीवन पर प्रकाश डाला। रामजन्म कुशवाहा ने आदिवासी दलित जातियां व उनका विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि इनके संवैधानिक अधिकार छीनते जा रहे हैं। उन्होंने जल, जंगल व जमींन पर सामाजिक न्याय की जरूरत बताई। इसी क्रम में हीरावती, अब्दुल मजीद, प्रज्ञा, संजय सिंह ने अपने विचार रखे।
राइज एंड एक्ट के संयोजक प्रो0 मोहम्मद आरिफ ने साम्प्रदायिक ताकतों की आलोचना करते हुए कहा कि साम्प्रदायिक राजनीति से ऊपर उठकर ही समता मूलक समाज के निर्माण के लिए हम सभी को आगे आना होगा।
प्रशिक्षुओं ने गुलशन के फूल नाटक का मंचन कर सामाजिक कटुता, भेदभाव पर कड़ा प्रहार किया। संचालन राम किशोर चौहान, मनोज कुमार, कमलेश ने किया। इसी क्रम में साधना यादव, असलम, वीना गौतम, अर्सिया खान, प्रज्ञा, शमा परवीन, अब्दुल मजीद, विनोद गौतम, राम कृत, लाल प्रकाश राही, राजेश्वर, हीरावती आदि मौजूद रहे।
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