अहमदाबाद ब्लास्ट केस: 49 को हुई सज़ा मुक़र्रर, 11 ताउम्र रहेगे जेल में और 38 को मिलेगी सज़ा-ए-मौत, पढ़े उत्तर प्रदेश से सम्बंधित किसको मिली सज़ा और कौन हुआ बरी
तारिक़ खान
डेस्क। गुजरात के अहमदाबाद जनपद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान करते हुए 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें संजरपुर और सरायमीर सहित जनपद के छह दोषियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है जबकि एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसके बाद आजमगढ़ का सरायमीर और संजरपुर एक बार फिर चर्चा का केंद्र है।
मूलरूप से सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार निवासी अबुल बशर को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दावा था अबुल बशर इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा था। इस मामले में आठ फरवरी को अदालत का फैसला आया था। जिसमें अदालत ने बीनापारा निवासी अबुल बशर के साथ संजयरपुर निवासी मो0 सैफ, आरिफ मिर्जा नसीम, इसरौली निवासी आरिफ बदर, पारा निवासी मो0 सादिक, शहर कोतवाली के बदरका निवासी सैफूल रहमान और कोट किला निवासी मो0 जीशान को अदालत ने दोषी ठहराया था। जबकि संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने मो0 हबीब, मो0 साकिब और मो0 जाकिर को बरी कर दिया था।
कल हुवे सज़ा के एलान में अबुल बसर, बीनापारा, सरायमीर, मो0 सैफ, संजरपुर, आरिफ मिर्जा नसीम, संजरपुर, आरिफ बदर, इसरौली, सैफूल रहमान, बदरका, मो0 जीशान, कोट किला को सज़ा-ए-मौत मुक़र्रर हुई है। जबकि सरायमीर के पारा निवासी मो0 सादिक को आजीवन कारावास की सज़ा मुक़र्रर हुई है। मऊ के मधुबन थाना क्षेत्र के ढिलई फिरोजपुर गांव निवासी अफजल उस्मानी को भी उम्र कैद की सज़ा मुकर्रर हुई है। इसके बाद मधुबन का ढिलई फिरोजपुर भी चर्चा के केंद्र में आ गया है।
अफजल उस्मानी 2008 से पहले से ही मुंबई में रहता है। अफजल के विरुद्ध थाना रामपुर में गैंगस्टर का मुकदमा वर्ष 2008 में दर्ज हुआ था। उसे 2008 में महाराष्ट्र की चोरी की गाड़ी के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद टाटा सूमो, बोलेरो तथा बाइक चोरी के मामले में पकड़ा गया था। अफजाल के पैतृक गांव में घर पर ताला बंद है। उसके पिता मुतालिब उर्फ झिन्नू तथा उसके भाई तौफीक की भी मौत कुछ वर्ष पहले हो चुकी है।