चारा घोटाले से सम्बन्धित डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी प्रकरण में लालू यादव अदालत के हुक्म से हुवे गिरफ्तार, 24 अभियुक्त हुवे बरी, 21 को सुनाई जाएगी लालू को सज़ा
अनिल कुमार
पटना। चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में ट्रायल का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए है। अदालत के हुक्म से आज लालू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में आर0के0 राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है। वहीं इस मामले में 24 अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है। उधर, सीबीआइ कोर्ट परिसर से यह महत्वपूर्ण खबर आ रही है कि चारा घोटाला मामले के कई अभियुक्त अभी तक अदालत नहीं पहुंच पाए हैं। अदालत ने इसे गंभीरता से लिया है और कहा है कि किसी भी सूरत में आरोपितों को शाम तक कोर्ट आना ही होगा। देखना यह होगा कि यह आरोपित किस तरीके से शाम तक कोर्ट में लाए जा रहे हैं या पहुंच पा रहे हैं।
बरी होने वाले अभियुक्तों में राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामिल हैं।
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 75 अभियुक्तों को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मामले में ट्रायल फेस रहे 6 महिला समेत 24 अभियुक्तों को साक्षय के अभाव में बरी कर दिया है। मामले में कुल 99 अभियुक्त वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहे थे। अदालत ने दोषी करार अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। साथ उन लोगों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख निर्धारित की है।
बता दें कि लालू प्रसाद इससे पूर्व चारा घोटाले के चार मामलों में सजा हो चुकी है। पांचवे और अंतिम मामले में भी अब वह अदालत द्वारा दोषी पाए गए हैं। इससे पूर्व सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत से अभियुक्तों को कठोर से कठोर सजा देने की बात कही। कहा कि अभियुक्तोंं के खिलाफ पर्याप्त एवं ठोस साक्ष्य मिले हैं। वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि मेरे मुवक्किलों के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है। साथ ही उम्र को देखते हुए फैसला सुनाने का अनुरोध किया। मामले में सुनवाई के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 जगन्नाथ मिश्र समेत 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। दो अभियुक्तों ने निर्णय पूर्व ही दोष स्वीकार कर चुका है। जबकि कि छह आरोपियों को सीबीआई दबोच नहीं पाई है। 8 आरोपी को सीबीआई ने वादामाफ गवाह बनाया था। लालू यादव को 21 फरवरी को सीबीआइ कोर्ट की ओर से आनलाइन सजा सुनाई जाएगी। वहीं अन्य ऐसे अभियुक्तों को भी कोर्ट ने आनलाइन सजा सुनाने की बात कही है।
देखना यह होगा कि लालू यादव को कितने दिनों की सजा होती है। मालूम हो कि राजनेता रहे धुव भगत और जगदीश शर्मा को सीबीआइ कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा और जुर्माना सुनाया है। जगदीश शर्मा को तीन लाख रुपये जुर्माना और ध्रुव भगत को 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन दोनों को यही से जमानत मिल सकती है। बता दें कि चारा घोटाला के चार मामलों में पहले ही लालू प्रसाद यादव समेत अन्य लोगों को सजा सुना दी गई है। पांचों मामलों में एक ही गवाह और डॉक्यूमेंट्स हैं और उसी के आधार पर चार मामलों में अलग-अलग पीरियड की सजा सुनाई गई है। चारा घोटाले मामले को राज्य की बड़े घोटालों में शामिल है। जिसमें 139।35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गयी थी। मामला डोरंडा कोषागार का है। वहीं, चारा घोटाले के नाम पर अन्य चार जिलों में भी अवैध निकासी की गयी। इनमें से दो मामले चाईबासा कोषागार से संबंधित है। एक मामला दुमका कोषागार से संबंधित रहा। एक मामला देवघर कोषागार से जुड़ा है। चाईबासा कोषागार, दुमका कोषागार और देवघर कोषागार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल 27 वर्षों की सजा कोर्ट ने दी है। वहीं, डोरंडा कोषागार मामले में 21 फरवरी 2022 को सजा सुनाई जाएगी। जानकारी हो कि चार मामलों की आधी सजा लालू प्रसाद यादव पूरी कर चुके है। आधी सजा पूरी करने पर सीबीआइ की कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। तब लालू कोर्ट के बाहर आये।