पत्नी की हत्या के प्रकरण में जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी लाखन सिंह राजपासी का छोटा भाई गिरफ्तार, पत्नी की हत्या कर जला दिया था शव को
आफताब फारुकी
कौशाम्बी। कौशाम्बी जनपद के चायल विधानसभा क्षेत्र से जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी लाखन सिंह राजपासी के छोटे भाई को पुलिस ने अपनी पत्नी की हत्या कर शव जला डालने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी ने अपने छोटे भाई का सहारा घटना को अंजाम देने के लिए लिया था। हत्या के बाद पहले शव जमीन में दफन किया और फिर दूसरे दिन जमीन खोदकर शव बाहर निकालकर जला दिया था।
यही नही एक षड़यंत्र के तहत घटना को अंजाम देने के बाद पति ने खुद ही कोखराज कोतवाली में पत्नी की गुमशुदगी का केस दर्ज कराया। शक होने पर एसपी ने कोखराज कोतवाली पुलिस के अलावा एसओजी को लगाया तो घटना का खुलासा हो गया। रविवार को महिला के पति व देवर को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। पुलिस ऑफिस में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी हेमराज मीणा व एएसपी समर बहादुर ने बताया कि दो जनवरी को कोखराज कोतवाली के बरक्कतपुर निवासी कुंवर सिंह पासी ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी पत्नी सविता कहीं चली गई है।
पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी दर्ज कर छानबीन शुरू की। इस बीच सविता के भाई कमलेश ने चार जनवरी को कोखराज कोतवाली में अपनी बहन के अपहरण का केस दर्ज कराया। बताया कि उसका बहनोई कुंवर सिंह प्रयागराज स्थित आर्मी कैंटीन में लिपिक है। सविता से उसकी शादी वर्ष 2000 में हुई थी। शादी के बाद तीन बच्चे हुए। वर्ष 2017 में पति-पत्नी के बीच अलगाव हो गया। कोर्ट के आदेश पर कुंवर सिंह सविता को 10 हजार रुपया गुजारा भत्ता दिया करता था। सविता अपने बच्चों के साथ प्रयागराज में किराए का कमरा लेकर रहती थी। पिछले दिनों कुंवर सिंह व उसका भाई विक्रम सिंह सविता को बहला-फुसलाकर अपने साथ लाए थे। इसके बाद से सविता का पता नहीं चला।
कुंवर ने पत्नी को रास्ते से हटाने के लिए चाल तो ठीक चली लेकिन उसे इस बात का इल्म नहीं था कि बेटियां उसका राजफाश कर देंगी। दरअसल कुंवर सिंह पत्नी सविता को बहलाकर तो साथ लाया लेकिन बेटियों को लाना चूक गया। बेटियों ने फोन करके अपने मामा कमलेश को बता दिया कि मां कुंवर सिंह के साथ गई है। कुंवर सिंह पत्नी को जिले के कई स्थानों पर घुमाने भी ले गया। उसका मकसद था कि सविता को शक नहीं होने पाए कि उसके दीमाग में क्या है। लेकिन उसकी एक चूक ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
एसपी ने बताया कि शक होने पर कुंवर सिंह और विक्रम को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गयी तो उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। कुंवर सिंह ने बताया कि वह दूसरी शादी करना चाहता था। पत्नी को गुजारा भत्ता देते हुए वह ऊब चुका था। इसी वजह से वह अपने भाई के साथ मिलकर सविता को साथ ले आया। घर लाने के बाद बिजली के तार से गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद खुद की कार से लादकर शव का संदीपन स्थित गंगा नदी के किनारे गाड़ दिया गया। बाद में पकड़े जाने के डर से अगले दिनों फिर दोनों भाई मौके पर पहुंचे और शव को खोदकर बाहर निकाला और पेट्रोल डालकर जला डाला। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त तार, कार, तीन मोबाइल फोन और 1760 रुपये बरामद किए।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तारी में शामिल एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह, एचसीपी जगरूप, राजेंद्र प्रसाद, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद विश्वकर्मा आरक्षी जितेंद्र सिंह, मनोज यादव, विजय कुमार सिंह, सरताज अहमद, मनीष कुमार, चेतनबाबू और चालक विवेक यादव के अलावा कोखराज इंस्पेक्टर गणेश प्रसाद, एसआई जमीर खान आरक्षी विक्रम सिंह, अनूप कुमार व सुष्मिता यादव को दस हजार के पुरस्कार से सम्मानित किया है।
कुंवर सिंह काफी दिनों से पत्नी को रास्ते से हटाने की योजना बना रहा था। इसके लिए उसने अपने छोटे भाई विक्रम को फंसाया। विक्रम को उसने कार खरीद कर दी। घर भी वह बनवा रहा था। विक्रम बड़े भाई के पैसों के लालच में फंसता चला जा रहा था। मौका देखते ही कुंवर ने विक्रम को अपनी पत्नी की हत्या में शामिल कर लिया। पत्नी की हत्या में गिरफ्तार कुंवर सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में जब सविता ने उसके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया तो उसे करीब 10 दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था। इसी प्रतिशोध में उसने सविता को मारने की योजना बनाई थी।