शरीर और मन को अद्भुत स्वास्थ्य लाभ दे सकता है भ्रामरी प्राणायाम
शिखा प्रियदर्शिनी
भ्रामरी प्राणायाम ऐसा ही एक चमत्कारी अभ्यास माना जाता है, जिससे शरीर को अनगिनत स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। भ्रामरी प्राणायाम का नाम मधुमक्खियों से लिया गया है, असल में इस अभ्यास के दौरान मधुमक्खी की तरह गुनगुनाहट जैसी आवाज आती है। चिंता और गुस्से को शांत करने से लेकर, नकारात्मक भावनाओं को कम करने तक के लिए भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
यह प्राणायाम तनाव को कम करने का सबसे अच्छा उपचार है। यह आपके दिमाग को शांति देता है। रक्तचाप को कम करता है, जिससे उच्च रक्तचाप से राहत मिलती है। यह मस्तिष्क संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है, जिससे बेहतर नींद आती है। यह नसों को शांत करता है। यह पीनियल और पिट्यूटरी ग्रंथियों को उत्तेजित करके उन्हें लाभ पहुंचाता है। इसका अभ्यास क्रोध को शांत करने में मदद करता है। यह हार्ट ब्लॉकेज को रोकता है और गहरी नींद को प्रेरित करने में मदद करता है।
योग विशेषज्ञों के मुताबिक प्राणायाम, सांस लेने के व्यायाम को संदर्भित करता है, जिससे शरीर और मन दोनों को अदुभुत स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। यह सिद्ध हो चुका है कि भ्रामरी प्राणायाम नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन 15 गुना बढ़ा देता है, इससे शरीर को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में इस प्राणायाम से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
योग विशेषज्ञ बताते हैं, भ्रामरी प्राणायाम सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक माना जाता है, साथ ही इसका अभ्यास भी काफी आसान है। सांस के इस अभ्यास के लिए किसी शांत स्थान पर आंखें बंद करके बैठ जाएं। अब अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें और मुंह बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें। सांस छोड़ने के दौरान ऊँ का उच्चारण भी कर सकते हैं। इस प्रकिया को 5 से 7 बार दोहराएं। समय के साथ इस समय को बढ़ा सकते हैं।
नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी के आधार पर लिखा गया है। हम अपने पाठको से अनुरोध करते है कि किसी भी योग को शुरू करने के पहले किसी योग्य विशेषज्ञ से संपर्क स्थापित कर उनकी सलाह से ही योग करे।