बापुनंदन मिश्र
चैत्र मास की पंचमी तिथि तक होली का महापर्व मनाया जाता है। पांचवी तिथि यानि होलिका दहन के बाद पांचवे दिन पर रंगपंचमी मनाई जाती है। होलिका दहन 17 मार्च होने के चलते इस साल रंगपंचमी 22 मार्च के दिन मनाई जाएगी। माना जाता है कि रंगपंचमी के दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी के संग होली खेली थी। इसी चलते इस इन भक्त राधा रानी और भगवान श्रीक़ृष्ण की पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें गुलाल लगाते हैं और राधे-कृष्ण आरती गाते हैं।
इस वर्ष रंगपंचमी का शुभ मुहूर्त 22 मार्च, मंगलवार सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 23 मार्च, बुधवार के दिन सुबह 4 बजकर 21 मिनट तक माना जा रहा है। इस शुभ मुहूर्त में ही रंगपंचमी मनाई जाएगी। कहा जाता है कि रंगपंचमी के दिन स्वयं देवलोक से देवता धरती पर आकर रंग खेलते हैं। मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन माता लक्ष्मी का भी पूजन होता है, सुबह स्नान करके मां लक्ष्मी को पूजा जाता है और कलश में रखे पानी को घर में छिड़का जाता है। इसके पश्चात नारियल पर सिंदूर लगाकर महादेव को अर्पित किया जाता है। मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण और राधा रानी की आरती कर उन्हें पीला, मां लक्ष्मी को लाल और शनि देव को नीला रंग लगाया जाता है।
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। PNN24 न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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