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बलिया: यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में प्रातः कालीन अखबार के पत्रकार को पुलिस पूछताछ हेतु लाई थाने, नाराज़ पत्रकार दे रहे थाना परिसर में धरना

शाहीन बनारसी

बलिया। बलिया जिला प्रशासन परीक्षा की गोपनीयता को बरक़रार रखने में नाकाम रहा तो एक बार फिर इसका ठीकरा पत्रकारों पर फोड़ने के लिए तैयारी कर रहा है। पिछले बार की तरह ही इस बार भी पत्रकार शायद जिला प्रशासन के निशाने पर आ गये है। कल बलिया जनपद में संस्कृत के पेपर लीक मामले में पुलिस ने आज बलिया के प्रतिष्ठित प्रातः कालीन समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार अजीत ओझा को हिरासत में लिया है। हालांकि थाना प्रभारी कोतवाली प्रवीण सिंह ने हमसे बातचीत में कहा है कि हिरासत में लेने की बात गलत है। मामले में जानकारी और पूछताछ के लिए पत्रकार को लाया गया है।

बताते चले कि कल हाई स्कूल की संस्कृत की परीक्षा के प्रश्न पत्र की कथित सॉल्व कॉपी के परीक्षा से एक दिन पहले ही वायरल होने लगी थी। मामले में डीआईओएस सहित एसडीएम रसड़ा और एसडीएम बेल्थरा सहित क्षेत्राधिकारी रसड़ा को मामले की जाँच सौपी गई थी। शाम को जाँच के बाद इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज हुआ था।

प्रथम दृष्टया इस प्रकरण में पेपर के आउट होनी की बात अधिकारियो ने स्वीकार भी किया था। अभी ये मामले चल ही रहा था कि आज इंटर का अंग्रेजी पेपर परीक्षा से दो घंटे पहले ही लीक हो गया था। इसमें भी बलिया जनपद का नाम सामने आया और 24 जनपदों में अंग्रेजी की परीक्षा रद्द कर दिया गया तथा शासन स्तर पर डीआईओएस को निलम्बित कर दिया गया। इसके बाद से बलिया का जिला प्रशासन सकते में आ गया है। अभी संस्कृत का कथित रूप से आउट हुआ पेपर निरस्त भी नही हुआ कि इंटर की अंग्रेजी के पेपर की भी सॉल्व कॉपी वायरल हो गई।

अब इसको बलिया प्रशासन की झुंझलाहट ही कही जाएगी अथवा कलम के नोक पर लगे नुख्ते पर पहरा कहा जायेगा। इस मामले को उठाने वाले दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार को ही पुलिस ने अब शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है। पत्रकारों का आरोप है कि पत्रकार अजित ओझा को कार्यालय से अपराधियो की तरह उठाकर कोतवाली में 12 बजे दोपहर से ही बैठाला गया है। पत्रकारों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में नाकाम हुआ है और इसका ठीकरा इस कमी को उजागर करने वाले पत्रकारों के सिर फोड़कर अपना दामन पाक साफ दिखाना चाह रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुवे मौके पर नाराज़ पत्रकारों का हुजूम जमा हो गया है। कोतवाली परिसर में पत्रकार धरने पर बैठे है। वही कोतवाली इस्पेक्टर प्रवीण सिंह ने हमसे बात करते हुवे कहा है कि पत्रकार की गिरफ़्तारी महज़ एक अफवाह है। पत्रकार द्वारा कुछ जगहों पर वायरल पेपर को सेंड किया गया था जिसके सम्बन्ध में पूछताछ हेतु उन्हें लाया गया है। पूछताछ का क्रम जारी है। किसी पत्रकार को गिरफ्तार नही किया गया है।

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