आदिल अहमद
डेस्क। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारतीय छात्र रूसी हमलों की वजह से खारकीव जैसे शहरों में बंधक बनकर रह गए हैं। इसलिए रूस गोलीबारी बंद करे और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए मानवीय गलियारा खोलने की अनुमति दे। जबकि भारत मे रूसी दूतावास ने जानकारी दिया है कि रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा है कि उसकी सेना के जवान यूक्रेन के खारकीव शहर से सभी भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए हर तरह के उचित कदम उठाने को तैयार हैं।
हालांकि इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया और खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन स्वयं लहूलुहान है, वह देश में फंसे हुए सभी विदेशी छात्रों की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने शरणार्थियों की भारी भीड़ के बीच पश्चिमी सीमाओं को पार करने की कोशिश कर रहे छात्रों के मुद्दे को कम करने की अपनी ओर से पूरी कोशिश की और यह समस्या मूल रूप से हल हो गई है। जहां तक मुझे पता है, पश्चिमी सीमा की ओर से भारतीयों का पहला जत्था खारकीव को छोड़ चुका है।
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