Varanasi

राइज एंड एक्ट के तहत आयोजित “राष्ट्रीय एकता, शांति एवं न्याय” विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन पर बोले डॉ गोरख नाथ- “कुछ ताकतें आजादी के संघर्ष को गलत तरीके से पेश कर रही”

ईदुल अमीन

वाराणसी। आजादी के बाद लम्बे अरसे तक सत्ता में रही कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां लगातार पीछे जा रही हैं। अगर ये चेते होते और आम जनता का भला किया होता तो ये दल हाशिये पर नहीं होते और आज भाजपा सबसे बड़ी रूलिंग पार्टी नहीं होती। उक्त बातें वाराणसी के तरना स्थित नवसाधना के प्रेक्षागृह में राइज एंड एक्ट के तहत ” राष्ट्रीय एकता, शांति एवं न्याय ” विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रो. गोरख नाथ पाण्डेय ने कही।

उन्होंने कहा कि आज लड़ाई सामान्य संगठन से नहीं है। संविधान विरोधी ताकतों द्वारा देश के विभाजन, आजादी की लड़ाई के इतिहास को राजनैतिक लाभ के लिए अलग अंदाज में पेश कर उसे साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है। अभी कश्मीर फाइल्स सामने है, हो सकता है आने वाले चुनाव में देश के विभाजन की विभीषिका को साम्प्रदायिक ताकतें अलग तरीके से परोस सकती हैं। इन सबसे सावधान रहने और राष्ट्र हित में पुनर्जागरण के लिए आगे आना होगा। इससे पूर्व आयोजक डॉ मोहम्मद आरिफ ने प्रतिभागियों का परिचय कराया और जनकवियों की रचनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि इन लोगों ने समाज को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें पढ़ने और तथ्यों का अन्वेषण करने की जरूरत है। जिससे सत्य परिलक्षित हो। तभी धरातलीय स्तर पर हम लोगों से राष्ट्रीय एकता, शांति, न्याय पर बात कर पाएंगे।

नाहिदा आरिफ ने मीडिया का शाब्दिक अर्थ बताते हुए उसकी व्यापकता पर प्रकाश डाला। नाहिदा आरिफ ने मीडिया का शाब्दिक अर्थ बताते हुए उसकी व्यापकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा आज कि मीडिया अपनी भूमिका भूल चुका है।जनसरोकारों के सवालों से इतर वह पूंजीपतियों और राजनीतिक दलों का पैरोकार हो गया है।अगर सोशल मीडिया और छोटे छोटे अखबार न होते तो मजलूमों की आवाज लोगों तक नहीं पहुंच पाती। चर्चा के क्रम में रामकिशोर चौहान ने साझी – संस्कृति, साझी – विरासत, हृदया नन्द शर्मा ने मीडिया की भूमिका व जिम्मेदारी, संतोष ने मौलिक अधिकारों पर अपनी बात रखी।  कृष्ण भूषण ने आदिवासी, असलम ने भारतीय राज्य व धर्मनिरपेक्षता, हिरावती, अर्शिया ने गांधी, विनोद ने संविधान, शमा परवीन ने लोकतंत्र  पर मंडराते खतरे, संजय सिंह ने भगत सिंह पर अपने लेख पढ़ें। अंत में प्रतिभागियों ने आगे की कार्य योजनाओं पर चर्चा की।

लाल प्रकाश राही ने प्रतिभागियों को रिपोर्टिंग व कार्य के तरीकों के बारे में विधिवत जानकारी दी। इसी दौरान वीना भारती, रामकृत, लालता प्रसाद, सुग्रीव यादव, साधना यादव, विकास मोदनवाल, कमलेश कुशवाहा, संजू देवी, रणजीत कुमार, रामजन्म कुशवाहा, अब्दुल मजीद, अयोध्या प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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