राइज एंड एक्ट के तहत आयोजित राष्ट्रीय एकता, शांति एवं न्याय विषयक एक दिवसीय सम्मेलन में बोले अयोध्या लाल श्रीवास्तव: धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा
शाहीन अंसारी
कुशीनगर। स्वतंत्रता सेनानियों ने समतामूलक समाज का सपना आजादी के आंदोलन के दौरान देखा था जो स्वतंत्रता के साथ परवान चढ़ा। आज उसके विपरीत देश नफरत, गैर बराबरी और बाजारवाद की आग में झुलस रहा है। नई पीढ़ी को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए आगे आना होगा तभी हमारी बसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना साकार होगी। उक्त बातें नगरपालिका परिषद कुशीनगर के श्री दुर्गा जी इंटर कालेज सिसवा-महन्थ कुशीनगर में राइज एंड एक्ट के तहत आयोजित “राष्ट्रीय एकता, शांति एवं न्याय” विषयक सम्मेलन में वक्ताओं ने कही।
मुख्य वक्ता अयोध्या लाल श्रीवास्तव ने कहा कि “धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा है।” इसे बचाये रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। आज प्रतिगामी ताकते न केवल संवैधानिक मूल्यों को चुनौती दे रही है बल्कि सदियों से स्थापित विश्व में हमारी पहचान के लिए भी खतरा पैदा कर रही हैं। धार्मिक पहचान और उस पर आधारित राष्ट्रवाद को महत्व दिए जाने से विभिन्न समाजों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी। यह भारत जैसे विविधता वाले मुल्क के लिए ठीक नहीं है।
समाजसेवी विवेक कुमार वर्मा ने कहा कि हमारी संस्कृति सदियों से मेल-जोल की रही है। विभिन्नता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे के प्रति आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए युवाओं को आगे आना होगा।
धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, शांति एवं सामाजिक न्याय के लिए जागरूक होना होगा। तभी समता, बन्धुता, सम्मान, न्याय की परिकल्पना साकार होगी। इसी क्रम में शुभनारायन यादव, वशिष्ट यादव, राजेन्द्र मौर्य, माधुरी देवी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि नफरत, उन्माद की बढ़ती संस्कृति के बजाय लोक कल्याण की राष्ट्र व्यापी सोंच आवश्यक है।
इससे पूर्व शहीद दिवस पर शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अंत मे समूह चर्चा के दौरान स्थानीय समस्याओं, समतामूलक समाज निर्माण को लेकर विचार मंथन किया गया तथा इन मूल्यों की स्थापना के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आवाहन किया गया। संचालन हृदया नन्द शर्मा, स्वागत संजय सिंह व आभार मो0 असलम व अब्दुल मजीद ने व्यक्त किया।
इस दौरान महेश पासवान, राम नक्षत्र विश्वकर्मा, मनोज चौरसिया, नेहा पासवान, खुशी सिंह, नंदनी पासवान, छाया नन्दा, दुर्गा, रीता देवी, अविनाश सिंह, राजेश कुमार गौतम, राजेन्द्र प्रसाद, राम आशीष सिंह, दीपक कुमार, अर्जुन कुमार, सुमित, आदित्य, हरिश्चंद्र कुशवाहा, अजीमुल आदि मौजूद रहे।