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महज़ 500 रूपये के लिए किशोर को दिया दर्दनाक मौत, पुलिया के नीचे मिला किशोर का शव

आफ़ताब फारुकी

बाँदा। महज़ 500 रूपये के लिए 13 वर्षीय किशोर को दर्द्नाक मौत दिया और किशोर के लाश को पुलिया के नीचे फेंक दिया। घटना यूपी के बाँदा जिले का है जहाँ 13 वर्षीय किशोर अपने पिता से 500 रूपये लेकर कुच्छ सामान लेने गया था। उस 13 वर्षीय किशोर की दर्दनाक हत्या कर दी गई और उसकी लाश को कस्बे में ही पुलिया के नीचे पानी में फेंक दिया।

वही पुलिस ने कुछ ही घंटे बाद मृतक के दोस्त को गिरफ्तार कर दावा किया कि उसी ने सिर्फ 500 रुपये छीनने के लिए हत्या कर दी। मृतक संदीप आरोपी से 500 रुपये उधार लिए था। कस्बे के बैबे थोक निवासी मूलचंद्र कुशवाहा चाय-पान की दुकान किए हैं। मंगलवार की शाम करीब सात बजे उन्होंने पुत्र संदीप कुशवाहा (13) को 500 रुपये देकर दुकान का सामान लेने कस्बे भेजा था, लेकिन संदीप वापस नहीं लौटा। देर रात तक कोई सुराग न मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई।

बुधवार की सुबह संदीप का शव जीआईसी के पास पुलिया के नीचे पानी भरे गड्ढे में औंधे मुंह पड़ा मिला। सूचना पर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन भी मौके पर पहुंचे और पूछताछ की। कस्बे की एक मिठाई की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे को देर तक बारीकी से देखा। इससे पता चला कि संदीप ने कस्बे के इचौली चौराहे पर स्थित दुकान में मोमोज खाया था। एसपी ने मोमोज दुकानदार से भी पूछताछ की।

डाग स्क्वॉयड टीम भी मौके पर पहुंची। जांच के लिए एसओजी टीम को भी लगाया गया। कुछ ही घंटों बाद एसओजी और मटौंध पुलिस ने मृतक संदीप के दोस्त व पड़ोसी 18 वर्षीय धीरू उर्फ टोटू पुत्र कामता को गिरफ्तार कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त से कड़ाई से पूछा गया तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।

बताया कि पैसे के विवाद में गला दाबकर हत्या की गई है। आरोपी के पास से मृतक संदीप की जेब से निकाले गए 500 रुपये भी बरामद हुए हैं। पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी मयंक चंदेल, मटौंध इंस्पेक्टर अरविंद सिंह गौर, एसआई आशीष कुमार व रामनारायण मिश्रा सहित कांस्टेबल सत्यम, अश्वनी, भूपेंद्र, गजेंद्र, रमाकांत भी शामिल रहे।

वही किशोर के लापता होने और फिर उसकी हत्या के मामले में मटौंध पुलिस भी सवालों के घेरे में है। संदीप के पिता मूलचंद्र और मां मिथलेश ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सहयोग नहीं किया। सहयोग किया होता तो शायद बेटे की जान बच जाती। उधर, मौके पर पहुंचे एसपी अभिनंदन को मृतक के पिता ने बताया कि जब वह थाने पहुंचा और सूचना दी तो थाने में सिर्फ उसके पुत्र का नाम-पता नोट कर लिया गया और यह कहकर चलता कर दिया गया कि कल फोटो और अर्जी दे जाना।

इस पर एसपी ने मूलचंद्र से पूछा कि थाने में किससे मिले? वहां पर स्टार वाले या इंस्पेक्टर थे? मूलचंद्र ने बताया कि वह थाने करीब साढ़े 9 से 10 बजे के बीच गया था। जो साहब मिले थे, वह वर्दी में नहीं थे। एसपी के तेवर थाने के रवैये पर कुछ तीखे नजर आए। उधर, थाना प्रभारी का कहना है कि थाने में सूचना रात 11 बजे दी गई।

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