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सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2003 में हुवे आदेश के मद्देनज़र पुलिस ने लगाये चाय पान की दुकानों पर पोस्टर और कहा तम्बाकू निर्मित सामान स्कूल के 100 गज की दुरी तक बेचना प्रतिबंधित है, मगर हकीकत तो चराग तले अँधेरा है

तारिक़ आज़मी संग ए0 जावेद

वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए0 सतीश गणेश का निर्देशन पाकर चेतगंज थाना प्रभारी ही नही बल्कि पुरे जनपद में हर एक पुलिस चौकी क्षेत्र में चाय पान की दुकानों पर पुलिस ने पोस्टर लगा कर साफ़ साफ़ निर्देश दिया कि स्कूल कालेज से 100 गज की दुरी तक तम्बाकू निर्मित पदार्थ सिगरेट, बीडी, पान मसाला आदि की बिक्री नही होगी। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2003 में दिले एक आदेश के मद्देनज़र आया है।

बताते चले कि वर्ष 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई एक दरमियान स्पष्ट निर्देश दिया था कि तम्बाकू निर्मित पदार्थ पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीडी आदि स्कूल के आसपास बिकने की चीज़े नही है। इसके बाद इस यह नियम आया था कि इन पदार्थो को स्कूल परिसर के आसपास नही बिकना चाहिए। नियम बने और नियमो के तहत निर्देश भी जारी हुवे थे। वक्त गुज़रता गया और बात वक्त के साथ आये और चली गई।

कल वाराणसी पुलिस कमिश्नर के आदेश का पोस्टर चिपकाते हुवे पुलिस कर्मियों ने दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि आदेश का पूरी तरह पालन किया जाये। सबसे अधिक मेहनत इस क्रम में पान दरीबा चौकी इंचार्ज अजय कुमार शुक्ल ने किया। अजय कुमार शुक्ल पान दरीबा चौकी इंचार्ज के क्षेत्र में जनपद ही नही बल्कि पूर्वांचल की सबसे बड़ी तम्बाकू पदार्थो की होल सेल मार्किट है। जहा सैकड़ो छोटी बड़ी दुकाने है। पानदरीबा चौकी इंचार्ज अजय कुमार शुक्ल के द्वारा जमकर पुरे दिन पसीना बहाया गया। हर एक दुकानदार को सख्त हिदायत दिया है। भैया बाबु भी करके समझाया गया।

सभी दूकानदारो ने मौके पर हाँ-हाँ भी किया। ऐसा लगा जैसे सभी दुकानदार इस निर्देश का सख्ती से पालन अगले मिनट में करेगे। मगर जो मूल समस्या है उसको समझने वाला कौन है ये बड़ा सवाल है। बेशक पान दरीबा चौकी इंचार्ज ने जमकर पसीना बहाया। सभी दुकानों पर पोस्टर चिपकाया। अपने साथ सिपाहियों को लेकर पोस्टर चिपकाया। दुकानदारों को समझाया। दुकानदारों ने भी जी साहब, जी साहब किया। मगर ये भी हकीकत है कि पोस्टर चिपक गया मगर यहाँ मामला तो चराग तले अँधेरे का ही दिखाई दे रहा है।

मुद्दे को समझे, बेशक स्कूल कालेज के आसपास छोटी दुकानों पर इस प्रतिबन्ध को लागू करना आसान तो है। थोडा सख्ती के बाद ये सम्भव हो जायेगा। मगर आप सोचे, पूर्वांचल के सबसे बड़े तम्बाकू पदार्थ की मंडी चेतगंज थाना क्षेत्र में पानदरीबा इलाके में स्थिति है। ये इलाका पानदरीबा चौकी क्षेत्र में आता है। नगर निगम के प्राइमरी स्कूल के चारो तरफ पान और उससे सम्बन्धित सामानों की होल सेल और रिटेल दुकाने है। इन दुकानों पर रोज़मर्रा लाखो की बिक्री होती है। स्कूल के चारो तरफ पान तक तो ठीक है उसके साथ ही पान मैटेरियल और मसाला और सिगरेट आदि की ढेर सारी दुकान जिनका कारोबार ही तम्बाकू उत्पाद को बेचना है कैसे चौक इंचार्ज अथवा थाना प्रभारी बंद करवा सकते है?

यहाँ मुलभुत समस्या को समझना होगा। अगर पुलिस सख्ती करती है तो व्यापार मंडल का विरोध लाजिम है। व्यापार मंडल का विरोध फिर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जाएगा। दुसरे कई लोगो का मूल रोज़गार ही बंद हो जायेगा। इसका हल केवल मंदी के स्थानांतरण से संभव है। मगर इसके लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन के बजाये जिला प्रशासन को पहल करना होगा और जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए व्यापार मंडल के साथ तथा व्यापारियों के साथ सामंजस्य बैठना होगा। अन्यथा तब तक चराग तले अँधेरे जैसी स्थिति में यह आदेश रहेगा।

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