महाराष्ट्र: सांसद नवनीत राणा और रवि राणा को नहीं मिली ज़मानत, अदालत ने भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल
आफताब फारुकी
मुम्बई: महाराष्ट्र से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को अदालत से आज उस समय बड़ा झटका लगा जब अदालत ने उनकी ज़मानत ठुकरा कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इन दोनों पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 का इजाफा किया है, जो सरकारी अधिकारी के कार्य में बाधा डालने हेतु अपराधिक बल इस्तेमाल से सम्बन्धित है। हालंकि बांद्रा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पुलिस द्वारा हिरासत मांगे जाने यानी “रिमांड” की इल्तेजा को नकार दिया है।
अदालत ने दोनों ही पक्षों को 27 अप्रैल तक कोर्ट के सामने जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को होगी। इससे पहले मुंबई पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी में “सरकारी अधिकारी के कार्य में बाधा करने से रोकने के लिए आपराधिक बल के इस्तेमाल” संबंधी धारा 353 को भी जोड़ दिया है। बताते चलें कि नवनीत राणा और उनके पति के खिलाफ देशद्रोह से संबंधित धारा भी पुलिस की तरफ से लगायी गयी है। बताते चलें कि शनिवार को राणा दंपति की तरफ से वरिष्ठ वकील रिजवान मर्चेंट ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा की गिरफ्तारी अवैध है।
उन्होंने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध और असंवैधानिक है क्योंकि दोनों लोक सेवक हैं।उन्हें गिरफ्तार करने से पहले अध्यक्ष की अनुमति लेनी चाहिए थी, लेकिन कोई अनुमति नहीं ली गई है। लेकिन अदालत की तरफ से दोनों ही नेताओं को जमानत नहीं दी गयी। इधर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शनिवार को हुई 2 घटनाओं को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कल दो घटना घटी है। लगातार दो दिनों से हनुमान चालीसा के नाम पर दंगा हुआ। इसके पाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को (राणा दंपति) को गिरफ्तार कर लिया है।
कल रात किरीट सोमैया वाले प्रकरण में भी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शनिवार रात को जो घटना हुई वो सही नहीं है। इस पर हर किसी को समझना चाहिए। पुलिस को अलग से आदेश देने की ज़रूरत नहीं है। पुलिस को उनका काम पता है, उन्हें अपना कर्तव्य सही से निभाना चाहिए। पाटिल ने कहा कि बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं की गयी है लेकिन उनकी ओर से इसके लिए माहौल बनाया जा रहा है।