आफताब फारुकी
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म खान को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें ज़मीन कब्जाने और ठगी के मामले में अंतरिम ज़मानत दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर ये बेल दी गई है। वहीं दो हफ्ते में ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। नियमित जमानत पर फैसले तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी।
यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया था, “याचिकाकर्ता मामले के जांच अधिकारी को धमकाया भी गया था। जब आजम खां का बयान दर्ज किया जा रहा था तब भी जांच अधिकारी को धमकाया गया था। आजम खां भी कानून में मौजूद उपाय के तहत उपयुक्त कोर्ट में ऍफ़आईआर को रद्द करने की मांग करें। वो भू माफिया हैं और आदतन अपराधी हैं।” वहीं अर्णब मामले का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा गया कि उस मामले में एक तरह के केस थे, लेकिन आजम पर अलग-अलग मामलों में ऍफ़आईआर दर्ज हैं। वहीं आज़म के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पिछले दो सालों से तो आजम जेल में ही बंद हैं तो धमकाने की बात कहां आती है? यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि आजम खां जेल में हैं। जबकि हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर फैसला चार दिसंबर को ही सुरक्षित किया है। लेकिन अभी तक उनकी जमानत पर अदालत ने फैसला सुनाया नहीं है। उत्तर प्रदेश में 2017 से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद आजम खां पर शिकंजा कसा गया था। 2019 में रामपुर से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद उनके खिलाफ 87 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद फरवरी 2020 में सीतापुर जेल भेजा गया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आजम खां 87 में से 86 मामलों में जमानत पा चुके हैं। 137 दिन बीत गए एक मामले में फैसला नहीं हुआ। ये न्याय का मखौल उड़ाना है। अगर हाईकोर्ट फैसला नहीं करता तो हम दखल देंगे। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने ये सुनवाई की। यूपी सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में शाम 6:30 बजे तक सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है, इसलिए अदालत को फिलहाल सुनवाई नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट तब सपा के पूर्व मंत्री आजम खां की अंतरिम जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था।
इससे पहले कोर्ट आजम की जमानत पर सुनवाई करने पर सहमत हुआ था। आजम की ओर से कपिल सिब्बल ने याचिका मेंशन की थी। सिब्बल ने कहा कि अदालत ने जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखने के बाद अरसे से फैसला लंबित रखा हुआ है। अगर वो फैसला दे दे तो सुप्रीम कोर्ट क्या सुनवाई करेगा। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर समुचित आदेश दे।
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