तारिक़ आज़मी
वाराणसी: आप सोच सकते है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा सील हुई बिल्डिंग में चलते निर्माण कार्य की गुणवत्ता कितनी घटिया रही होगी कि एक हलकी धुल भरी आंधी की थपक भवन न झेल पाया और उसकी दिवार गिर पड़ी। इस दिवार गिरने से एक युवती की मौत हो गई है जबकि दो अन्य ज़िन्दगी और मौत के बीच अपनी जंग लड़ रहे है। सिगरा पुलिस इस्पेक्टर ने हमसे बात करते हुवे बताया है कि मामले में आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और बिल्डर तथा भवन स्वामी की तलाश जारी है। दोनों फरार है ऐसा इस्पेक्टर सिगरा ने हमसे फोन पर बताया है।
बहरहाल, सवाल ये है कि आखिर कौन है तनवीर और क्या है उसकी पकड़। असल में तनवीर भेलूपुर थाना क्षेत्र के कमच्छा का मूल निवासी है। तनवीर की गिनती बनारस के बाहुबली बिल्डर में होती है। जानकार सूत्र बताते है कि तनवीर के घर पर फरारी के दरमियान मुख़्तार का साथी भाई मेराज फरारी के दिनों में इसके यहाँ संरक्षण में ही रहता था। दबंगई तो इतनी है कि इसने “जिसका लिया, कभी न दिया” अपना पेशा बना रखा है। मुख़्तार का नाम और सर पर हाथ होने की बाते ये खुल्लम खुल्ला लोगो को बताता है।
एक, दो, चार नहीं बल्कि बकायेदारो की पूरी लिस्ट है। हद तो तब खत्म हो गई जब हमको जानकारी मिली कि इसने आज से 4 साल पहले बकरीद पर कुर्बानी के लिए 1 लाख 80 हज़ार के बकरे सिगरा थाना क्षेत्र के माताकुण्ड निवासी एक युवक से लिए थे। आज 4 साल गुजरने के बाद भी बकरों का पैसा उस युवक को नही मिला। बताया जाता है कि इसकी दबंगई के आगे इसके लेनदार बौने हो जाते है। शहर में काफी संपत्ति इसने इसी दबंगई के बल पर अपने नाम करवाया हुआ है। मगर आज तक पुलिस प्रशासन ने इसके तरफ ध्यान नही दिया है।
इसको इसकी दबंगई ही कहेगे या फिर सिगरा पुलिस की लापरवाही कि इतने गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी इसने अपना मोबाइल नंबर 7999999443 बंद नही किया है। हमने खुद इसके नंबर पर आज दोपहर फोन किया तो नम्बर देख कर इसने फोन काट दिया। सिगरा पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशाँ ये बात लगाती है कि ये अपना फोन भी चालु रखे है और व्हाट्सअप भी इस्तेमाल कर रहा है। जानकार बताते है कि इसके साथ अर्दली बाज़ार निवासी एक युवक और दूसरा काश्मीरीगंज का निवासी युवक है जो इसके हर काम में इसका साथी होता है।
शायद बहुत इत्मिनान से होगा कि इसकी पकड़ इसको बचा लेगी। बेशक पकड़ तो ऊँची है ही क्योकि जो भवन वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा सील किया गया है। उस भवन का निर्माण महीनो से धड़ल्ले के साथ करवा रहा है और न स्थानीय चौकी इंचार्ज को दिखाई दे रहा है और न ही वाराणसी विकास प्राधिकरण को दिखाई दे रहा है। इसी बात से आप इसकी पकड़ का अंदाजा लगा सकते है। वैसे सूत्र बताते है कि ये निर्माण दिखाई न दे इसके लिए तनवीर के द्वारा बढ़िया पत्तो का इंतज़ाम लगातार किया जाता है। वैसे सूत्र बताते है कि ऐसे निर्माण के लिए बढ़िया इंतज़ाम विकास प्राधिकरण के लिए और साथ में स्थानीय पुलिस के लिए भी करना होता है।
अब देखना होगा कि तनवीर जैसे बाहुबली और धनबली को “बेल मिलती है अथवा जेल” क्योकि जिस तरह से बेफिक्री की तरह ये मस्ती के साथ शिवाले में घूम टहल रहा है। कभी शिवाले में अपनी मौसी के घर के आसपास दिखाई दे रहा है तो कभी काश्मीरीगंज वाले अपने मौसा के घर घूम रहा है। नए मॉडल की बुलेट से फटफट करते शहर घूम रहा है। दूसरी तरफ सिगरा इस्पेक्टर कहते है कि तलाश किया जा रहा है। अब देखते है तलाश कब पूरी होती है।
वैसे एक बार हम फिर कह रहे है कि हमारे सवालो का जवाब न पुलिस प्रशासन देगा और न ही वाराणसी विकास प्राधिकरण, इसकी वजह ये नही कि उनके पास सवाल का जवाब नही है। बल्कि वजह ये है कि हमारे सवाल सही है। जब भवन सील था तो आखिर निर्माण हो कैसे रहा था। विकास प्राधिकरण कहा सो रहा था। जिस सिगरा पुलिस के हवाले सील किया था तो फिर सिगरा पुलिस को कैसे ये निर्माण नही दिखाई दे रहा था।
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