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देखे वायरल वीडियो: ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी का दावा ये उसी फव्वारे का हिस्सा है जिसको वादिनी मुकदमा बता रही शिवलिंग, नमाज़ी और मस्जिद में सेवा करने वाले इम्तेयाज़ मियाँ का दावा सीमेंट के बने फव्वारे को बता रही शिवलिंग

तारिक़ आज़मी/ए0 जावेद

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में एक तरफ जहा अदालत जुलाई में सुनवाई करेगी वही दूसरी तरह रोज़ नये नए सनसनीखेज़ वीडियो वायरल हो रहे है। कल ही सर्वे की वीडियो प्रति वादिनी मुकदमा को मिलने के कुछ ही देर बाद मीडिया में सर्वे का वीडियो वायरल होने लगा था। कुछ ही देर में वीडियो सोशल मीडिया की गलियों में टहलने लगा। जिसको लेकर वादिनी मुकदमा ने एक पत्रकार वार्ता कर दावा किया था कि सर्वे रिपोर्ट मिलने का सील बंद लिफाफा अभी खुला भी नही है। इसको हम अदालत में ऐसे ही जमा कर देंगे।

इस मामले में आज वादिनी मुकदमा के जानिब से अधिवक्ताओं ने सील बंद लिफाफे अदालत को वापस करना चाहा। जिला जज के कोर्ट में चल रहे इस मुक़दमे में अदालत भी वीडियो वायरल होने पर नाराज़ दिखाई दी। जबकि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने इसको एक बड़ा षड़यंत्र बताया और अदालत में कड़ी आपत्ति जताई। अदालत ने वादिनी मुकदमा से वह लिफाफे वापस नही लिए और कहा कि इसको अपने पास ही रखे रहे। इस मामले की सुनवाई अब जुलाई में होनी है। कल से अदालत में गर्मियों की छुट्टी शुरू हो रही है।

इसी बीच आज दिन भर शांति के बाद शाम होते होते एक वीडियो और वायरल हुआ। सनसनीखेज़ इस वीडियो में दावा किया गया कि ये मस्जिद में लगे फव्वारे का हिस्सा है। हम इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नही करते है। वीडियो मस्जिद के अन्दर का बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिखाई दे रहा पाइपनुमा स्ट्रक्चर उसी फव्वारे का हिस्सा है, जिसे हिंदू पक्ष की तरफ से बताए जा रहे शिवलिंग के ऊपर लगाकर संचालित किया जाता है।

इस पाइपनुमा स्ट्रक्चर वाले फव्वारे का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह पूरा स्ट्रक्चर उस वजूखाने में मौजूद काले पत्थर के ऊपर लगाकर फव्वारे को संचालित किया जाता रहा है। बीच में जो छेद है उसमें फव्वारे के बीचोंबीच मौजूद एक पतला पाइप लगाया जाता था, जिसमें से पानी निकलता था। दावा किया जा रहा है कि जिसको वादिनी मुकदमा के द्वारा शिवलिंग बताया जा रहा वह असल में एक फव्वारा है जो बिना बिजली के चलता है। साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि जिसको वादिनी मुकदमा शिवलिंग बता रही है वह सीमेंट का बना हुआ फव्वारा है जिसके ऊपर काई जम गई है। दावा किया जा रहा है कि काई की सफाई इस कारण नही होती है क्योकि ये मछलिय खाती है।

इस सम्बन्ध में स्थानीय नागरिक इम्तियाज़ अहमद से हमारी बातचीत हुई जिनका दावा है कि वह काफी सालो से ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज़ी है और वह मस्जिद की सेवा भी करते है। इम्तेयाज़ मिया ने हमसे बातचीत में बताया कि उनकी उम्र 63 बरस है। लम्बे समय से वह ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज़ पढ़ते है और उसकी सेवा करते है। उनका दावा है कि उन्होंने कई बार इस फव्वारे की सफाई किया है, उन्होंने दावा किया कि फव्वारा सीमेंट का बना हुआ है।

हमारे सवाल कि फिर ये काला क्यों है पर उन्होंने कहा कि पानी में रहने के कारण सीमेंट की बनी चीज़ काली हो जाती है। उसके ऊपर काई जम जाती है। हमारे सवाल कि इस काई की क्या सफाई नही होती थी? पर उन्होंने कहा कि जिस जगह मछलियाँ पाली जाती है वहा काई की सफाई नही किया जाता है क्योकि ये मछलियों का भोजन होता है। उन्होने कहा कि महज़ सनसनी फ़ैलाने के लिए मस्जिद के फव्वारे को शिवलिंग बताया जा रहा है।

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