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पुलिस कमिश्नर @SatishBharadwaj की भेलूपुर एसीपी @PraveensinghPPS के इलाके में स्थित “कारागार कैफे” में चलता है बेरोक टोक हुक्का पार्लर, किशोरों की ज़िन्दगी में धुआं भरता “कारागार कैफे”

मुकेश यादव

वाराणसी: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश जितना भी सख्त हो कि शहर में किसी प्रकार का कोई अवैध काम नही होगा। भले ही अदालते जितनी भी सख्ती दिखा ले हुक्का पार्लर के मुखालिफ, मगर शहर के हुक्का पार्लर चलाने वाले काले कारोबारियों ने जैसे कसम खाई हुई है कि युवा पीढ़ी को धुवे के गर्त में झोक कर ही मानेगे। जनपद के पोश इलाकों में धड़ल्ले से चल रहे हुक्का पार्लर पर पुलिस की निगाह-ए-करम है या फिर पुलिस उसके ऊपर ध्यान देना नही चाहती ये तो पुलिस जाने, मगर हकीकत ये है कि शहर के पोश इलाके में ये हुक्का पार्लर जमकर अपना पाँव जमाए हुवे है।

हमारा गुज़र दुर्गाकुंड स्थित गुरुधाम से होता है। अपने उद्घाटन पर मीडिया का विशेष ध्यान खीचने वाले एक कैफे पर हमारी नज़र पड़ती है। नाम “कारागार कैफे” मगर अन्दर के नजारे ऐसे थे कि देख कर अहसास हो गया कि वास्तव में ये कारागार अपने दिलवाए हुवे आदत पर युवाओं को कायम रख दिया तो बेशक वो असली कारागार के तरफ बढ़ सकते है। अन्दर धुआ ही धुआ था। धुओ की महक बता रही थी कि मैं सिर्फ हुक्के के फ्लेवर का धुआ नही हु, बल्कि करामाती धुआ हु जिसके अन्दर जाने पर आँखे लाल और चेहरा सुर्ख हो जाता है।

सामने एक युवक हुक्का पी रहा था। मस्ती के जोश में झूमते इस युवक का वीडियो देखे और बैक ग्राउंड में कान फाडू गाने की आवास सुने। आसपास बैठे युवक भी अपने कश को खीच कर सयद गाना गा रहे होंगे कि “मैं ज़िन्दगी का बोझ उठाता चला गया, हर फिक्र को धुवे में उड़ाता चला गया।” ज़िन्दगी के गम को गलत करने के लिए युवा यहाँ अपने शौक पुरे करने आते है। माँ बाप की तरबियत को दरकिनार करके खुद के आसमान में खो जाने के चाहता संग “कारागार कैफे” में अपने माता पिता के अरमानो को धुवे में उड़ाते दिखाई देते है।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि सख्ती के नाम पर पुलिस केवल फार्मेल्टी शायद पूरी करती होगी वरना ऐसे हुक्का पार्लर वाले हिम्मत न जुटा पाते दुबारा ऐसी हरकत करने की। जब ये कैफे खुला था तो इसने मीडिया की सुर्खियाँ काफी बटोरी थी। आज शायद उन्ही सुर्खियों का ये नाजायज फायदा उठा रहे है। खुद को नम्बर वन अखबार कहने वाले आखिर कैसे इसकी बुराई लिख सकते है। जब इसके तारीखों पर कभी कसीदे पढ़े गये थे। बहरहाल, कारागार कैफे में चल रहे इस हुक्का पार्लर को पुलिस कब सख्ती के साथ बंद करवाती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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