तारिक़ आज़मी
डेस्क: भारत पकिस्तान से अलग कश्मीर की मांग करने वाला यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट ने आज सेक्शन 121 के तहत उम्र कैद की सज़ा मुकर्रर किया है। यासीन मलिक ने इसके पहले अपने गुनाह कबूल कर लिया था। साथ ही यासीन मलिक ने अपनी सफाई में कहा था कि वह 7 प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुका है। यासीन मलिक की सज़ा का विस्तृत ब्यौरा प्रतीक्षारत है।
बताते चले कि इसके पहले अदालत में सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट साढ़े तीन बजे फैसला सुनाएगा। कोर्ट में एएनआई की तरफ से यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने उम्रकैद की मांग की थी। बताते चले कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था।
पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश ने एनआईए अधिकारियों को उनकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था, जिससे जुर्माने की राशि निर्धारित की जा सके। इससे पहले 10 मई को मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है। उसने अपना जुर्म कबूल लिया था। मलिक इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा, ”बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद 30 मिनट के अंदर ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट आवंटित किया और मुझे भारत ने व्याख्यान देने की अनुमति दी, क्योंकि मैं अपराधी नहीं था। यहां तक कि न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले से पहले मलिक के खिलाफ कोई मामला या मुकदमा नहीं चल रहा था। एनआईए ने धारा 121 के तहत अधिकतम सजा की मांग की।
मलिक ने यह भी कहा कि 1994 में हथियार छोड़ने के बाद मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है और तब से मैं कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं। कोर्ट रूम में यासीन ने कहा कि 28 सालो में अगर मैं कही आतंकी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं इंडियन इंटेलिजेंस अगर ऐसा बता दे तो मैं राजनीति से भी सन्यास ले लूंगा, फांसी मंजूर कर लूंगा। 7 पीएम के साथ मैंने काम किया है। इस दरमियान आज श्रीनगर में पुरे दिन सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत रही। यासीन मलिक के आवास के आसपास से लेकर पुरे श्रीनगर में ड्रोन कैमरों से निगरानी रखा जा रहा है।