तारिक़ खान
1947 रुपया 12.96 से चला अमेरिकन डॉलर आज और भी मजबूत भारतीय रूपये के सामने हो गया है। आज भारतीय रुपया अमेरिकन डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक सबसे निचले स्तर पर पहुच गया है। सबसे भारतीय रुपया गुरुवार को एक बार फिर अमेरिकी डॉलर की तुलना में 77.73 पर बंद हुआ। ये स्तर सर्वकालिक सबसे कम है।
बुधवार को भी अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया 77.61 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था, जिसकी वजह मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी को बताया गया था। गुरुवार को पिछले 10 कारोबारी दिनों में पांचवीं बार रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुए रुपये का घाटा कहीं ज़्यादा हो सकता था, अगर समय रहते भारतीय रिज़र्व बैंक ने हस्तक्षेप नहीं किया होता। भारतीय केंद्रीय बैंक आरबआई ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार से रकम निकालकर रुपये का बचाव किया। रुपये ने इस साल रिकॉर्ड निचला स्तर पहली बार मार्च में छुआ था, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था।
इस सम्बन्ध में विशेषज्ञ मानते है कि सभी कारकों के बीच, नकदी पहलू अनिवार्य रूप से हालिया बाजार उतार चढ़ाव का एक प्रमुख चालक है और बाजार के भागीदार सुरक्षित निवेश विकल्प की ओर जा रहे हैं।”खाद्य और ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से अप्रैल में भारत की मुद्रास्फीति लगातार सातवें महीने बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिससे कीमतों पर काबू पाने के लिए बैंक द्वारा अगले महीने की शुरुआत में ब्याज दरें बढ़ाने की आशंका बढ़ गई है।
वही बाज़ार का अनुमान लगाने वाले अंदाज़ लगा रहे है कि रुपया डॉलर के मुकाबले अभी और कमज़ोर होगा। इसका टारगेट रेट जानकारी 80 के आसपास मान कर चल रहे है। बताते चले कि ये सर्वकालिक सबसे निचला स्तर है। भारत की आज़ादी के समय रुपया 12.90 का एक अमेरिकन डॉलर हुआ करता था।
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