आदिल अहमद
नौकरी के पहले ही दिन नर्स का शव फंदे से लटके मिलने पर इलाके में हडकंप मच गया। मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ का है जहाँ पर पहले दिन नर्सिंग होम में नर्स की ड्यूटी करने पहुँची युवती का शव नर्सिंग होम की छत पर दीवार के सहारे सरिया से फंदे पर लटकता मिला है। बताते चले कि नर्स की माँ ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद बेटी की हत्या किया जाने का आरोप लगाते हुए नर्सिंग होम संचालक समेत 4 लोगों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दिया है। पुलिस ने मां की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को नर्स की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। बांगरमऊ-हरदोई मार्ग पर कोतवाली क्षेत्र के दुल्लापुरवा गांव में पांच दिन पहले तहिरापुर निवासी शिवप्यारी सिंह के किराये के मकान में नूर आलम ने न्यू जीवन नर्सिंगहोम का संचालन शुरू किया था।
मां का आरोप है कि ड्यूटी ज्वाइन करने के पहले दिन ही नर्सिंगहोम संचालक ने बेटी की रात में ड्यूटी लगा दी थी। बताया कि शुक्रवार शाम को वह ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकली थी। जिस समय वह निकली थी, नौकरी मिलने से बेहद खुश थी। अचानक शनिवार की सुबह उसका शव फंदे से लटके होने की सूचना मिली। नर्स के पिता की सात वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। नर्स आठ बहनों में चौथे नंबर की थी। तीन बहनों का विवाह हो चुका है। मां के अनुसार उसके कोई बेटा न होने से परिवार का खर्च व बहनों की परवरिश के लिए उसकी इस बेटी ने नौकरी की शुरुआत की थी। उसे क्या पता था कि बेटी को इतनी दर्दनाक मौत दे दी जाएगी। एएसपी शशिशेखर सिंह ने बताया कि नर्स के शव का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल से कराया गया। पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वही न्यू जीवन नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के ही चल रहा था। पांच दिन पहले ही इसकी शुरुआत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग अगर सचेत होता तो ऐसे नर्सिंगहोम का संचालन ही न हो पाता और युवती की जान जाने से बच जाती। न्यू जीवन नर्सिंग होम का संचालन तीन लोगों ने मिलकर शुरू किया है। अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड में डॉ0 अनिल कुमार के साथ निदेशक चांद बाबू व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ0 असलम का नाम पड़ा हुआ है। यह तीनों लोग ही अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति भी कर रहे थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मात्र 300 मीटर दूर संचालित इस अस्पताल के बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भनक तक नहीं थी। नियमानुसार नर्सिंग होम में मरीजों को भर्ती करना तो दूर कर्मचारियों की तैनाती तब तक नहीं की जा सकती जब तक उसका पंजीकरण न हो जाए।
इस अस्पताल संचालक ने पंजीकरण के लिए आवेदन तक नहीं किया था और सभी गतिविधियां शुरू कर दी थीं। जांच करने गई पुलिस को अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं मिले। सीएमओ डॉ0 सत्यप्रकाश ने बताया कि बिना पंजीकरण निजी अस्पताल संचालित था। नियमानुसार नहीं होना चाहिए था। घटना के बाद इसकी जानकारी हुई है। रविवार को एसीएमओ को भेजकर पूरी जांच कराई जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
शाहीन अंसारी वाराणसी: विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा…
माही अंसारी डेस्क: कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले की आरोपियों में से एक आरोपी एस…
ए0 जावेद वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी…
ईदुल अमीन डेस्क: सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने संविधान की प्रस्तावना में…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…
निलोफर बानो डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के…