तारिक़ आज़मी संग ईदुल अमीन
वाराणसी. एसटीऍफ़ की वाराणसी इकाई और चौक पुलिस के संयुक्त प्रयास से वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ आज शाम को उस समय लगी जब 17 साल से फरार चल रहा इनामिया अपराधी राजू कसेरा बिस्मिल्लाह खान मोड़ के पास से गिरफ्तार हो गया. भेष बदल कर अलग अलग शहरों में फरारी काट रहे राजू कसेरा को चेतगंज की एक महिला से प्यार हो गया था. इसी इश्क में मुब्तेला होकर राजू कसेरा आज अपनी प्रेमिका से मिलने आया था और पहले से मुस्तैद खडी एसटीऍफ़ और वाराणसी कमिश्नरेट की चौक पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
इस सूचना पर एस0टी0एफ0 टीम द्वारा प्रभारी निरीक्षक चौक शिवाकांत मिश्रा से सम्पर्क किया गया तथा स्थानीय चौक इस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा दालमंडी चौकी इंचार्ज अजय कुमार हे0का0 यशवंत सिंह का0 बृजेश, शशिकांत, सूरज सहित एसटीऍफ़ टीम के इन्स्पेक्टर अरविन्द सिंह, हे0 का0 अनिल कुमार सुमित आदि के साथ मौके पर पहुचे. भेष बदल कर ज़िन्दगी जीने वाला राजू कसेरा इस दरमियान बिस्मिल्लाह खान मोड़ के पास दिखाई दिया. पुलिस को देखने के बाद भी आश्वस्त राजू कसेरा शायद सोच रहा होगा कि पुलिस उसको पहचानती नही है. मगर एसटीऍफ़ और चौक पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर साबित कर दिया कि पुलिस के लम्बे हाथ पेड़ से आम तोड़ने के लिए नही बने है बल्कि अपराधियों को पकड़ने के लिए बने है.
कौन है राजू कसेरा
राजू कसेरा चौक थाने का इनामिया अपराधी है. वर्ष 2005 में सबसे पहले इसका नाम एक चोरी के वारदात में चौक थाना क्षेत्र में सामने आया था और ये गिरफ्तार हुआ था. इसी वर्ष इसका नाम चोरी की एक अन्य घटना में चौक थाना क्षेत्र में सामने आया और ये फिर गिरफ्तार हुआ. अपराध की यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद इसी वर्ष इसकी बढती अपराधिक गतिविधि के कारण चौक पुलिस ने इसके ऊपर गैंगेस्टर एक्ट की भी कार्यवाही किया. जिसके बाद वर्ष 2005 में ये आखरी बार पुलिस के हाथे जैतपुरा थाना क्षेत्र में हुवे एक हत्या के प्रयास मामले में चढ़ा जिसमे पुलिस ने इसके ऊपर गुंडा एक्ट की कार्यवाही किया था. जिसके बाद अवैध असलहो की बरामदगी भी जैतपुरा पुलिस ने किया था.
जेल में रहने के दरमियान इसकी मुलाकात सराय हडहा के अपराधी बद्रे आलम उर्फ़ बददु से हुई और दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी. 25 सितम्बर 2009 को बदरे आलम उर्फ़ बददु की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दिया गया था. जिसके सम्बन्ध में चौक थाने में बददु के भाई फकरे आलम ने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था और दौरान विवेचना सामने आया था कि यह हत्या राजू कसेरा ने किया है. मगर राजू कसेरा फरार हो चूका था और फिर उसके बाद वह पुलिस के हत्थे नही चढ़ा. जैतपुरा के ढेलवरिया का रहने वाला राजू कसेरा अब जब पुलिस के हत्थे पड़ा है तो बददु हत्याकांड से परते उतरनी शुरू हो गई है.
समलैंगिक सम्बन्ध बनाना चाहता था बददु इसीलिए कर दिया था राजू कसेरा ने उसकी हत्या
अब जब राजू कसेरा गिरफ्तार हुआ है तो बदरे आलम उर्फ़ बददु हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है. वर्ष 2009 से सभी जानना चाहते थे कि राजू कसेरा जो बदरे आलम बददु का दोस्त था ने अपने दोस्त की हत्या इतने निर्मम तरीके से क्यों कर दिया ? राजू कसेरा ने पुलिस को पूछताछ के दरमियान बताया कि बदरे आलम बददु उसके साथ जेल में था. जेल में रहने के दरमियान दोनों की दोस्ती हो गई थी. जेल से छूटने के बाद बददु से राजू अक्सर मिलता था. बददु समलैंग व्यक्ति था और वह राजू कसेरा से ज़बरदस्ती समलैंगिक सम्बन्ध बनाना चाहता था. जिसका विरोध कर राजू कसेरा ने उसका गला दबा दिया और उसके घर में रखे चाक़ू से उसकी निर्मम हत्या कर दिया. हत्या के बाद राजू कसेरा मौके से फरार हो गया.
फरारी के दरमियान वह सूरत और मुंबई में काम करता हु मगर पछले 7 साला से खुद का नाम बदल कर वह दिल्ली में रहकर एक फैक्टी में नौकरी कर रहा है. इसी दरमियान उसको चेतगंज निवासियी एक महिला से प्यार हो गया और वह अक्सर उससे मिलने आया जाया करता था. इसी क्रम में आज भी आया था और पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया.
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