देख ले क्या है ताजमहल के बंद कमरों के अन्दर, एएसआई ने ट्वीट कर जारी किया बंद कमरों के अन्दर की तस्वीर
तारिक़ खान
डेस्क: बीते दिनों ताजमहल एक बार फिर चर्चा में आ गया था। चर्चा का कारण उसकी खूबसूरती नही बल्कि एक पीआईएल था जिसमे दावा किया गया था कि ताज महल एक हिन्दू राजा द्वारा बनवाई गई इमारत है जिसका नाम ताजोमहलय है। इसके बंद कमरों के अन्दर इसका राज़ खुला छिपा है। इसके कमरों को खुलवाया जाए और इसका राज़ ज़ाहिर किया जाए।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुवे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कड़ी टिप्पणी करते हुवे याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने याचिका पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अदालत लापरवाही भरे तरीके से दायर की गई याचिका पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत आदेश पारित नहीं कर सकती है।
Click on the link to download/view the January issue of @ASIGoI's Newsletter.https://t.co/tIJmE46UR4 pic.twitter.com/UKWsTA2nPZ
— Archaeological Survey of India (@ASIGoI) May 9, 2022
अदालत ने याचिकाकर्ता को कड़ी नसीहत तक दे डाला था और कहा था कि जाइए और पहले एमए करे उसके बाद नेट जेआरऍफ़ क्वालीफाई करे तथा अगर आपको कोई रिसर्च करने से रोकता है तो आप हमारे पास आये। हम इसके ऊपर अदालत में बहस नही कर सकते है। अदालत ने सख्त लहजे में कहा था कि जनहित याचिका को मजाक न बनाये। पहले पढाई करे कि ताजमहल कब और किसने बनवाया था।
इस याचिका के ख़ारिज होने के बाद से सोशल मीडिया पर जमकर इसके सम्बन्ध में मीम वायरल हुवे थे। अब ताज महल के बंद कमरों का दीदार करने की तमन्ना रखने वालो के लिए एएसआई ने सुविधा प्रदान कर दिया है और बंद 22 कमरों की कुछ तस्वीरे ट्वीट किया है। इन तस्वीरो को एएसआई ने सफाई के दरमियान ली गई तस्वीरे बताया है। एएसआई का ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि ताजमहल के जिन बंद 22 कमरों को खोलने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से तीन दिन पहले ये तस्वीरे जारी की गई थी। एएसआई ने 9 मई को अपने जनवरी 2022 न्यूज़लेटर को ट्वीट किया था। इस ट्वीट में कमरों की कुछ तस्वीरें जारी की गई। दरअसल इन बंद कमरों में रेनोवेशन का काम किया गया था। एएसआई के अनुसार, ये तस्वीरें उस दौरान ली गई थीं। जब साल 2022 में इनकी मरम्मत की गई थी। ये तस्वीरें एएसआई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
बताते चले कि इन कमरों को खोलने वाली याचिका को आगरा में भाजपा के युवा मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष दायर कर एएसआई को ताजमहल के 22 बंद दरवाजों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की थी। ताकि यह पता लगाया जा सके कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं या नहीं। सिंह ने दावा किया कि ताजमहल के बारे में झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है, और इसलिए सच्चाई का पता लगाने के लिए दरवाजे खोले जाने चाहिए।