वाराणसी: लंका पुलिस की नाक के नीचे चलता हुक्का पार्लर, और थाना प्रभारी को जानकारी ही नही
मुकेश यादव
वाराणसी: एक तरफ जहा अदलात और प्रशासन हुक्का पार्लर पर सख्त है। वही दुसरे तरफ जनपद में पुलिस की आँख के सामने ऐसे अवैध रूप से हुक्का पार्लर धड़ल्ले से चल रहे है, मगर स्थानीय पुलिस इसकी जानकारी होने से इंकार ही करती है। हाल कुछ ऐसी है कि अगर किसी खबरनवीस ने इस मुद्दे को उठाया तो अमुक जगह हुक्का पार्लर चार दिन को बंद हो जाता है और पांचवे दिन से फिर शुरू हो जाता है।
हमारा गुज़र लंका क्षेत्र के रविदास गेट के पास स्थित 90 डिग्री से हुआ। कहने को तो रात के समय चलने वाला ये सिम्पल रेस्टुरेंट है। मगर हाल ऐसा है कि रेस्टुरेंट के आड़ में खुल्लम खुल्ला हुक्का पार्लर चल रहा है। जहा युवक युवती बैठ कर अपनी ज़िन्दगी के गम धुओ में उड़ाते दिखाई दे रहे है। खुल्लम खुल्ला देर रात तक चलते इस हुक्का पार्लर की जानकारी स्थनीय पुलिस को तो एकदम ही नही है।
उपलब्ध वीडियो और फोटो आप देख ले। शोर शराबे की म्युज़िक के साथ हुक्के के काश का दुआ उड़ रहा है। मालिक दमदार और शानदार है तो बात कहा कही और तक पहुचेगी। काउंटर पर बैठा एक युवक तल्लीनता के साथ हुक्का गुड़गुड़ा रहा है। वीडियो में बज रहे बैकग्राउंड म्यूजिक के दौरान युवक के साथ कुछ युवतियां भी हुक्के में कश लगाते हुए गलबहियां करती नजर आ रही। हम इस वीडियो को सिर्फ इस लिए खबर के साथ नही दिखा रहे है कि परिजन शर्मिंदा न हो।
इन हुक्का बार में सुबह 10 बजे से देर शाम 10 बजे तक कभी भी जाने पर 12 से 16 साल तक के किशोर और किशोरियां आपको यहाँ दिखाई दे जायेगे। हुक्का बार में औसतन एक किशोर को 500 से 600 रुपये खर्च करना पड़ता है। फिर जमकर गम गलत करने का बहाना मिल जाता है। इस सम्बन्ध में हमने जब लंका इस्पेक्टर वेद प्रकाश राय से बात किया तो उन्होंने बताया कि मामले में संज्ञान नही है। इसके पूर्व शिकायत आई थी। शिकायत पर कार्यवाही हुई थी। हमने मौके के वीडियो की बात जब थाना प्रभारी को बताया और वीडियो पोस्ट न करने का कारण समाज में युवक युवतियों के परिजनों की अज़मत को बताया तो उन्होंने कहा हमारे बात को स्वीकार कर वीडियो हमसे उनके सीयूजी नम्बर पर उपलब्ध करवाने को कहा जिसको भेजा जा चूका है।
अब देखना होगा कि आखिर कब तक पुलिस इस मामले में कार्यवाही करती है और कार्यवाही के जद में इस 90 डिग्री का मालिक 180 डिग्री पर होता है अथवा फिर अपने कर्मचारियों के भरोसे एक बार फिर पुलिस कार्यवाही से बच जाता है।