तारिक़ आज़मी
वाराणसी: कहा गया है कि पूत कपूत हो सकता है, मगर माता कुमाता नही हो सकती है। आज की घटना से तो यही समझ में आता है कि कलयुग में ये कहावत ही उलटी हो गई है। ममता भी क्रूर हो चुकी है। पिता भी बेदर्द है। तभी तो एक नवजात को कूड़े के ढेर पर फेक दिया गया। मामला चेतगंज थाना क्षेत्र स्थित सरायगोवर्धन के कूड़ेखाने का है। जहा पर एक नवजात का शव आज अहल-ए-सुबह पुलिस को प्राप्त हुआ।
सुचना पाकर मौके पर क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज सुमन यादव अपने हमराहियो सहित पहुची। मौके जाँच पड़ताल के बाद मालूम हुआ कि नवजात की मृत्यु हो गई है। काफी तफ्तीश के बाद भी नवजात के सम्बन्ध में कोई जानकारी नही मिलने के कारण शव को कब्ज़े में लेकर पोस्ट मार्टम हेतु भेजा गया है। नवजात के शव को देख कर प्रतीत होता है कि किसी ने उसको न पालने के गरज से फेक दिया था।
इस घटना के बाद से सवाल पैदा होता है कि आखिर कौन से ऐसे कारण थे कि एक माँ ने अपने कलेजे के लाल को ऐसे मरने के लिए कूड़े के ढेर पर छोड़ दिया था। रब ने उसकी गोद भरी थी। बच्चे के न होने का दर्द कोई उससे पूछे जो बच्चो के लिए तरसते है। कितनी मन्नते मांगते है। कितने व्रत और अन्य उपाय करते है। मृत नवजात चंद घंटे शायद इस संसार में गुज़ार सका होगा। चंद साँसे लेकर इस दुनिया में आने वाले इस नवजात के शव को देख कर प्रतीत होता है कि बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ था।
एक बेटे की तमन्ना लेकर आपको हर शहर में लोग मिल जायेगे। वही दूसरी तरफ किसी को रब ने बेटा दिया और उस क्रूर माँ ने बेटे को मरने के लिए ऐसे कूड़े के ढेर पर फेक दिया। उस ज़ालिम बाप ने अपने लाल को ऐसे मरने के लिए कूड़े के ढेर पर छोड़ दिया। न जाने कौन सी ऐसी वजह होगी जो एक बाप ऐसा ज़ालिम हो गया। जो एक माँ ऐसी क्रूर हो गई।
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