शाहीन बनारसी
डेस्क: मध्य प्रदेश के खरगौन में दंगा आरोपियों के घरो पर बुल्डोज़र चला कर ज़मिदोज़ करने वाली शिवराज सिंह चौहान सरकार पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अब सख्त रुख अपना रही है। हाई कोर्ट ने इस मामले में मुलभुत अधिकारों का हनन बताते हुवे सरकार को नोटिस जारी करते हुवे 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है। अदालत ने कहा है कि यह मूलभूत अधिकारों का हनन है।
बताते चले कि खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए कई आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चला दिया था। हिंसा में शामिल होने का आरोप लगा कर मकानों के साथ कई दुकानों को भी जमीदोंज किया गया था। जिला प्रशासन की इस कार्यवाही को गलत बताते हुए याचिकाकर्ता जाहिद अली ने एक याचिका इंदौर हाई कोर्ट में लगाई थी। जिस पर जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। गौरतलब हो कि मध्य प्रदेश के खरगोन हिंसा के बाद प्रदेश के गृहमंत्री ने एक बयान दिया था जिसमे उन्होंने पत्थरबाजो के घरों को पत्थर के ढेर में बदलने कर देने की बात कही थी। जिसके बाद जिला प्रशासन ने दंगे के आरोपियों के घर और दुकाने जमीदोंज कर दी थी।
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