Varanasi

ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी पर ज़मीन बेचने का आरोप लगाने वाले लोहता निवासी मुख़्तार अहमद अंसारी को लेकर अब आया नया खुलासा सामने, खुद ही ग्राम सभा की ज़मीन पर किये है पक्का निर्माण: सूत्र

ए0 जावेद

वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक से एक मीडिया के दावे सामने आ रहे है। इस मामले में सनसनी फैलाने वाले बयानों की कमी नही है। कभी कोई बयान सामने आ जा रहा है तो कभी कोई बयान। हद तो तब हो गई जब एक नॅशनल मीडिया में अपनी गिनती करने वाले चैनल ने एक बलात्कार आरोपी कठमुल्ला के बयान को आधार मान कर मस्जिद कमिटी का सम्बन्ध पीऍफ़आई से जोड़ डाला था।

हकीकत में ज्ञानवापी मस्जिद मसला कुछ लोगो को टीआरपी पाने और कुछ को शोहरत मुफ्त की कमाने का जरिया बन गया है। इस तरीके के बयानों को आधार बना कर जहा टीवी चैनल मामले में सनसनी फलाने वाली खबरों का दावा कर रहे है तो वही दूसरी तरफ छपास रोग पाल बैठे कुछ लोग इसको अपनी शोहरत का जरिया बना रहे है। ऐसा ही एक दावा किया था लोहता निवासी मुख़्तार अहमद अंसारी ने। उन्होंने दावा किया था कि मस्जिद के अराजी नम्बर 9130 का रकबा 31 बिस्वा का था। मगर मस्जिद कमेटी ने ज़मीने बेच डाली।

वही बिना मस्जिद कमेटी के बयानों को लिए टीआरपी का खेला शुरू हो गया। मुख़्तार अहमद अंसारी अचानक लोहता में बड़े नेता के रूप में मशहूर होने की कवायद कर रहे थे। कई मीडिया की डिबेट में उनकी बाते होने लगी। वो तो कमबख्त लकड़ी फंसा दिया pnn24 न्यूज़ ने जिसने मस्जिद कमेटी का बयान सामने ला दिया और साथ में 1937 में हुआ अदालत का फैसला भी ला दिया। अचानक मुख़्तार अहमद अंसारी की शोहरत पर ब्रेक लग गई। मगर मुख़्तार अहमद अंसारी अभी भी मौके बे मौके अपनी इम्पोर्टेंस लोगो को इलाके में बताना नही भूलते है। वह कहते है कि मस्जिद का ऐसा ऐसा कागज़ हमारे पास है कि हडकंप मच जाए। हमारे एक सूत्र से भी उन्होंने ऐसा दावा किया था। मगर दिखाया कुछ नही था।

बहरहाल, हमारे सूत्रों ने जब मुख़्तार अहमद अंसारी के सम्बन्ध में जानकारी इकठ्ठा किया तो जानकारी हासिल हुई कि मुख़्तार अहमद अंसारी एक तरफ जहा मस्जिद कमेटी पर ज़मीन बेचने का आरोप लगा रहे है वही दूसरी तरफ हमारे सूत्रों को जानकारी हासिल हुई कि उनके खुद के पास काफी ज़मीन जायदाद होने के बावजूद भी वह अराजी नम्बर 179 जो ग्राम सभा की संपत्ति है पर पक्का निर्माण कर खुद काबिज़ है और इसके ऊपर अदालत में मुकदमा विचाराधीन है।

क्या कहते है मुख़्तार अहमद अंसारी

हमने इस सम्बन्ध में मुख़्तार अहमद अंसारी से बात किया तो उन्होंने इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज करते हुवे कहा कि उक्त अराजी पर हमारा खुद का कोई निर्माण नही है। हम एक बुनकर परिवार से है। हाँ ये ज़रूर है कि अराजी नम्बर 179 पर कई लोगो के निर्माण है उनमे एक हमारे भाई का भी निर्माण काफी समय से है। आरोप मेरे ऊपर सरासर निराधार है।

उन्होने कहा कि हमने कभी नही कहा कि मस्जिद कमिटी पर ज़मीन को लेकर कोई आरोप है। हमने ज्ञानवापी मस्जिद के लिए सिर्फ इतना कहा है कि उस नवय्यत में बाकी जो ज़मीने है वह आज कहा है। हमारे बयान को अगर कोई तोड़ मरोड़ कर पेश करे तो वह सही नही है।

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