संजय ठाकुर
नई दिल्ली: खाद्य वस्तुओं और कच्चा तेल के महंगा होने से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में 15.08 प्रतिशत और पिछले साल मई में 13.11 प्रतिशत थी।
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 14वें महीने दोहरे अंकों में बनी हुई है और तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है। मई में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 12.34 प्रतिशत थी. इस दौरान सब्जियों, गेहूं, फलों और आलू की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में तेज वृद्धि हुई।.
सब्जियों के दाम 56.36 फीसदी, गेहूं में 10.55 फीसदी और अंडा, मांस तथा मछली की कीमत 7.78 फीसदी बढ़ी. ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति 40.62 प्रतिशत थी, जबकि विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में यह क्रमशः 10.11 प्रतिशत और 7.08 प्रतिशत रही. कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति मई में 79.50 प्रतिशत थी।
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