शाहीन बनारसी
डेस्क: वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त/डीआईजी आईपीएस सुभाष चंद्र दूबे अपने दरियादिली और बेहतरीन पुलिसिंग के लिये जाने जाते है। वैसे तो उनके दरियादिली के अनेकों उदाहरण है लेकिन ये सबसे अलग मामला है। आप किसी को तोहफे में क्या दे सकते है? धन, दौलत, ज़मीन और जायदात। मगर इन सबसे बड़ा दुनिया का तोहफा होता है। किसी को तालीम देना। तालीम एक ऐसी दौलत है जिसको कोई कभी नही चुरा सकता है और न ही वह खत्म होने वाली है।
ये खुद्दारी देख कर आईपीएस सुभाष चन्द्र दुबे के कदम खुद ब खुद उस बालक के तरफ बढ़ गए। बच्चे के पढ़ने की लगन को देखकर सुभाष चन्द्र दुबे उसके पास जाते है और उसके पास बैठ कर उस बच्चे से बातचीत करने लगते है। बातचीत में उन्हें जानकारी मिलती है कि बच्चे का नाम सोनू है और घर की आर्थिक तंगी के चलते वो यहाँ घाट पर बैठ कर पढ़ता है और जों लोग वजन कराके कुछ पैसे दे देते है। उनसे वो अपने घर के खर्च में सहयोग करता है, ताकि अपने घर को चलाने में मदद कर सके।
बातचीत में आगे पता चला की सोनू को क्लास 6 में एडमिशन लेना है लेकिन घर की आर्थिक तंगी के कारण वो पढ़ नहीं सकता। बच्चे के पढ़ाई के प्रति दृढ संकल्प और उसके पढ़ाई के प्रति लगन व परिवार के प्रति समर्पण को देखकर डीआईजी सुभाष चन्द्र दुबे काफ़ी प्रभावित हुए। उस वक्त उन्होंने सोनू से वादा किया कि वो उसका एडमिशन कराएँगे और उसके पढ़ने लिखने का सारा बंदोबस्त भी करेंगें। सोनू शायद इसको एक अधिकारी का गुज़रते वक्त का वायदा समझ रहा होगा। तो वही सोनू आईपीएस सुभाष चन्द्र दुबे के दिल की गहराइयो में समां कर उनको प्रभावित कर चूका था।
सोनू ने हमको बताया कि वह इस बात को भूल चूका था। मगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते अनेकों प्रकार की जिम्मेदारी व पुलिस की रेस्टलेस ड्यूटी के बाद भी डीआईजी सुभाष चन्द्र दुबे अपना वादा नहीं भूले और उन्होंने सोनू का एडमिशन भदैनी स्थित आदर्श विद्यालय में कराया। आज बृहस्पतिवार 23 जून 2022 को आदर्श विद्यालय के प्रधानाचार्य और विद्यालय के शिक्षक टीचर को सोनू के साथ अपने कार्यालय में बुलाकर वर्ष 2022-23 के सत्र की पूरी फीस, कापी, किताब, पेन्सिल, कलम, स्कूल बैग, ड्रेस, जूते आदि शिक्षा से जुडी हर एक चीज़ सोनू के हवाले किया। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा की सोनू जहाँ तक पढ़ना चाहेगा मै अपने खर्चे पर उसको पढ़ाऊंगा।
सोनू के चेहरे की ख़ुशी उसकी आँखों से झलक रही थी। वह आईपीएस सुभाष चन्द्र दुबे से मुलाकात को भूल भी चूका था। मगर दूसरी तरफ आईपीएस थे जो सोनू को नही भूल सके। उससे किया अपना वायदा नही भूल सके। सोनू के विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षिका की आंखे नम हो गई ये सीन देख कर। वही सोनू को अपने गार्जियन जैसा स्नेह सुभाष चन्द्र दुबे से मिलने पर वह खिलखिला रहा था। एक मासूम बचपन इंसानियत और दरियादिली देख रहा था। विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा डीआईजी सुभाष चंद्र दूबे जी को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं विद्यालय में विजिट हेतु आमंत्रित भी किया है।
फारुख हुसैन लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य आज लखीमपुर खीरी…
माही अंसारी वाराणसी: वाराणसी के सारनाथ थाना अंतर्गत पहाड़िया स्थित एक बहुमंजिला भवन में चल…
ए0 जावेद वाराणसी: राजातालाब थानाध्यक्ष अजीत कुमार वर्मा की शनिवार शाम एक सड़क हादसे के…
तारिक आज़मी वाराणसी: संभल आज साम्प्रदायिकता की आग में जल उठा। सदियों पुरानी सम्भल की…
शहनवाज अहमद गाजीपुर: गहमर थाना क्षेत्र के वारा गांव के पास गंगा नदी में आज…
आदिल अहमद डेस्क: बाबा सिद्दीक़ी के बेटे ज़ीशान सिद्दीक़ी मुंबई की बांद्रा पूर्व सीट से…