प्रयागराज: जावेद पंप का भवन गिराए जाने के खिलाफ पड़ी पत्र याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज करते हुवे कहा, औपचारिक याचिका दाखिल कर उसी दिन सुनवाई का करे अनुरोध, परिवार दाखिल करेगा कल याचिका

तारिक़ खान

प्रयागराज। प्रशासन प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड बताये जाने वाले जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाए जाने के मामले को लेकर दाखिल पत्र याचिका पर सुनवाई से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। अधिवक्ता मंच से जुड़े हाईकोर्ट के आधा दर्जन वकीलों की तरफ से चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी गई थी। पत्र याचिका पर हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने सुनवाई से इंकार करते हुए कहा है कि इस मामले में औपचारिक तौर पर याचिका दाखिल की जा सकती है। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा है कि याचिका दाखिल कर मुकदमे को उसी दिन सुने जाने की अपील की जा सकती है।

पत्र याचिका दाखिल करने वाले वकील के0के0 राय के मुताबिक औपचारिक याचिका तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा है कि कल सुबह हाईकोर्ट में औपचारिक याचिका दाखिल कर दी जाएगी और अदालत से इस याचिका को कल ही सुने जाने का अनुरोध भी किया जाएगा। अधिवक्ता राय ने बताया कि महानिबंधक कार्यालय से बात हुई उन्होंने बताया कि नियमित याचिका दायर करें,पत्र पर सुनवाई नहीं हो सकती।इसके बाद नियमित याचिका की तैयारी की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद वारदात का मास्टरमाइंड बताया जा रहा जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के मकान पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया था। वहीं प्रयागराज प्रशासन का दावा है कि जावेद के घर से अवैध हथियार व आपत्तिजनक पोस्टर भी बरामद हुवे हैं। बताया जा रहा है कि जिस मकान को गिराया गया उसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है। इसके अलावा मीडिया में चर्चा है कि कुछ आपत्तिजनक लिटरेचर भी बरामद हुवे है।

इस मामले में तब और भी तुल पकड़ लिया था जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने एक अख़बार को दिए अपने बयान में इस कार्रवाई को पूरी तरह गलत बता है। जस्टिस गोविंद माथुर ने इंटरव्यू में जावेद मोहम्मद के घर की गई सरकारी कार्रवाई को पूरी तरह गलत बताया है। बताते चले कि पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने सीएए आंदोलनकारियों के पोस्टर सार्वजनिक तौर पर लगाए जाने के खिलाफ आदेश भी पारित किया था।

इस सम्बन्ध में अधिवक्ता के0के0 राय ने कहा है कि याचिका में जावेद मोहम्मद के परिवार वालों का घर तोड़े जाने का मुआवजा दिए जाने और जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की जाएगी। याचिका में कोर्ट को यह बताया जाएगा कि मकान जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा के नाम से था। जबकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने नोटिस जावेद मोहम्मद के नाम का जारी किया था। इसलिए किसी को नोटिस दिए बिना उसका मकान सीधे तौर पर ध्वस्त किया जाना गलत है। यदि याचिका कल दाखिल होती है, तो कल इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। इस मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज गुप्ता की बेंच सुनवाई कर सकती है।

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