बेरुखी बे-सबब नही: विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेन्द्र सिंह विसेन क्यों अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन से हुवे किनाराकश?

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: बेरुखी बे-सबब नही होती है। ऐसा कहा जाता है और हकीकत में इसका अहसास करना भी बहुत ज़रूरी होता है। खैर इसके ऊपर बात करने के पहले आपको बड़ी खबर से रूबरू करवाते है। कल मंगलवार को विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेन्द्र सिंह विसेन ने हरिशंकर जैन की अध्यक्षता में चल रही हिन्द साम्राज्य पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं राष्ट्रीय महामंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया।

यही नही विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेन्द्र सिंह विसेन ने एडवोकेट हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन के वकालतनामे अपने सभी मुकदमों से निरस्त करने का लिया निर्णय। वह भी किसी एक मामले में नही बल्कि वाराणसी जिले की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उनके सभी वकालतनामे निरस्त करवा दिया जायेगा। उनके इस निर्णय की जानकारी कार्यालय सचिव सूरज सिंह ने सोशल मीडिया पर उपलब्ध करवाया है। जिसके बाद हमने इसकी पुष्टि जितेन्द्र सिंह विसेन के फोन नम्बर पर फोन करके किया तो फोन एड0 सूरज सिंह ने उठाया और उन्होंने इस समाचार की पुष्टि किया।

अब इसका कारण क्या है ये स्पष्ट तो नही किया गया है और न ही हरिशंकर जैन अथवा विष्णु जैन के तरफ से कोई बयान इस मामले में सामने आया है। जितेन्द्र सिंह विसेन की हरिशंकर जैन और विष्णु जैन को लेकर ये बेरुखी बे-सबब नही नज़र आती है। बेशक बड़े राज़ होंगे जिसकी अभी पर्दादारी। अभी सिर्फ कयास ही लगाया जा रहा है कि आखिर इस बेरुखी की वजह क्या होगी। कयास तो बड़े बड़े लग रहे है मगर हम सिर्फ इतना ही कह सकते है कि “बेरुखी बे-सबब नही ग़ालिब, कुछ तो है जिसकी की पर्दादारी है।”

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