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अलीगढ: दबगई की इन्तेहा हुई जब पुलिस के सामने भी चलाते रहे पूर्व प्रधान और उसके साथी गोलियां, 2 की मौत और 11 घायल, गलियों के निशान तस्वीरो में देख हो जायेगे आप भी हैरान

तारिक आज़मी

उत्तर प्रदेश पुलिस की “ठोक दो” नियम और चलते बुल्डोज़रो का भी असर अपराधियों पर अंकुश लगाने में नकाफी है। आज शाम जहा अपराधियों के बेख़ौफ़ घटना का प्रयागराज चश्मदीद बना तो सुबह जब देश में लोग ईद-उल-अजहा की खुशियाँ मना रहे थे उस दरमियान अलीगढ में एक पूर्व प्रधान द्वारा फ़िल्मी अंदाज़ में दबंगई दिखाते हुवे ज़बरदस्त फायरिंग किया गया। इस घटना में सबसे अचम्भे की बात ये थी कि पुलिस की मौजूदगी के बाद भी पूर्व प्रधान फायरिंग करता रहा। इस घटना में जहा दो की मौत हो गई है वही 11 अन्य लोग घायल हुवे है। मामला आपसी रंजिश का निकल कर सामने आ रहा है।

मिल रही जानकारी के अनुसार अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र के ठाकुर बहुल गांव मूसेपुर में चोरी में नामजदगी से उपजी रंजिश में रविवार सुबह पूर्व प्रधान ने साथियों संग मिलकर दोहरे हत्याकांड को अंजाम दे डाला। पूर्व प्रधान पक्ष की ओर से की गई जबरदस्त फायरिंग में पिता-पुत्री की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। इसको दुस्साहस ही कहा जायेगा कि सूचना पर पहुंची पुलिस के सामने भी हमलावरों ने फायरिंग की। इस वारदात की खबर पाकर बकरीद को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में लगे डीआईजी, एसएसपी सहित पूरा पुलिस अमला मौके पर पहुंच गया। इसके बाद ताबड़तोड़ दबिश देकर पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह समेत आठ लोग गिरफ्तार कर लिए गए। इनके पास से एक बंदूक भी बरामद की गई है। फिलहाल, तनाव के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात है। घायलों का जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है।

पुरे घटनाक्रम में जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार गांव के भूरी सिंह के दो बेटों में बड़े बिजेंद्र उर्फ टिंकू सिंह की गांव के बाहर कपड़े की दुकान है। 8-9 जुलाई की रात टिंकू सिंह की दुकान में नकब लगाकर करीब छह लाख रुपये के कपड़े व 15 हजार रुपये नकद चोरी हो गये थे। इस घटना में उसने गांव के पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह, ललित उर्फ गोलू व राजू के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। जिसमे अब पुलिस की भारी लापरवाही भी सामने आई है। कल यानी शनिवार दोपहर पुलिस ने तीनों नामज़द को हिरासत में लिया और जांच व पूछताछ के बाद देर शाम छोड़ दिया। पुलिस ने केवल जाँच और पूछताछ के बाद बिना कोई कार्यवाही अथवा तम्बी किये नामज़द अभियुक्तों को छोड़ दिया था। जिसके बाद दोनों पक्षों में रंजिश उभारना स्वाभाविक बात हो गई थी। रविवार सुबह करीब सात बजे टिंकू खेत पर धान की फसल में पानी लगाने गया था। बताया जा रहा है कि इस दौरान पूर्व प्रधान ने अपने परिवार व साथियों संग उसे घेर लिया। वह किसी तरह वहां से बचकर भागा। मौके से भागने के बाद टिंकू सिंह ने अपने घर पर फोन कर दिया।

इस घटना की सूचना जब टिंकू सिंह के परिजनों को लगी तो वह सभी दौड़ते हुवे घटना स्थल की तरफ बढ़े। गांव के होली चौक पर दोनों पक्षों का आमना-सामना हो गया। यहां पहले से तैयार पूर्व प्रधान पक्ष ने फायरिंग शुरू कर दी। बचाव में टिंकू पक्ष ने पथराव कर दिया, लेकिन जबरदस्त फायरिंग में टिंकू के 65 वर्षीय पिता भूरी सिंह व 32 वर्षीय विवाहित बहन राधा की मौके पर ही गोली लगने से मौत हो गई। वहीं, परिवार के अन्य सदस्यों ने घरों में छिपकर जान बचाई। जिसके बाद हौसला बुलंद हमलावरों ने टिंकू के घर में घुसकर फायरिंग करना शुरू कर दिया। इस दरमियान हमलावर टिंकू के एक पड़ोसी के घर की छत पर चढ़ गए और बचकर वहां से भाग रहे लोगों पर फायरिंग शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि सुचना पाकर इस दरमियान पुलिस भी मौके पर पहुच गई। जिसके बाद पुलिस के सामने भी हौसला बुलंद हमलावर फायरिंग करते रहे।

घटना को कारित करके हमलावर भाग गए। इसके बाद पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को जेएन मेडिकल कॉलेज और दोनों शवों को पोस्टमार्टम केंद्र भेजा। इस घटना में भूरी सिंह के दोनों बेटे टिंकू, रिंकू, भतीजा कुलदीप, प्रदीप, केशव, राजू, भतीजी कोको, भाई की पत्नी मीरा देवी, भाई लाखन सिंह, परिवार की बहू गुड्डी देवी, भतीजा मंटोली घायल हुए हैं। इनमें से टिंकू, रिंकू, कुलदीप, केशव और राजू को गोली लगने से घायल होने पर जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इस घटना में टिंकू के चचेरे भाई राजू की ओर से 14 नामजदों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। घटना को लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि इस घटना में दोनों पक्ष एक ही खानदान के हैं। उनमें दुकान में चोरी की नामजदगी को लेकर विवाद हुआ। बकरीद की सुबह यह घटना हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हुई है। फिलहाल नामजद पूर्व प्रधान सहित आठ लोग गिरफ्तार किए गए हैं। अन्य नामजद आरोपियों की तलाशा की जा रहा है। गांव में फोर्स तैनात है। घायलों का इलाज जारी है।

इस पुरे मामले में पुलिस की घोर लापरवाही भी सामने आ रही है। स्थानीय पुलिस को मामले में परिस्थियों के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति जानकारी में रही होगी, ऐसे में पुलिस ने चोरी की घटना के सन्दर्भ में ही सख्त रुख अपनाया होता तो शायद इतनी बड़ी घटना नही हुई होती। तस्वीरो में दिवार पर गोलियों के निशान ये बता रहे है कि हमलावरों ने पुरे फ़िल्मी अंदाज़ में गोलियां चलाई होंगी। दर्जनों गोलियों के निशान पुलिस ने मृतक के दरवाज़े पर पाए है। मामले को लेकर पुरे इलाके में दहशत का माहोल कायम है। पुलिस की तैनाती है।

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