आफ़ताब फारुकी
डेस्क: लगातार हो रही आफत की बारिश से आमजन की ज़िन्दगी जोखिम में है। आमजन अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गये है। वही आज सुबह से ही उत्तराखंड में कुछ जिलों में बादल छाये हुए हैं तो कहीं हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। अगले दो दिन भारी बारिश के आसार को देखते हुए उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले दो दिन ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाये रह सकते हैं। वहीं भारी बारिश के कारण चमोली के देवाल चोटिंग गांव के सात आपदा प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन ने टेंट में शिफ्ट किया।
कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे पर दुगड्डा और कोटद्वार के मध्य आमसौड़ के समीप जमरगड्डी गदेरा में बने पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त होने से हाईवे कभी भी बंद हो सकता है। इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों वाहन खतरे के बीच आवाजाही कर रहे हैं। एनएच प्रशासन हाईवे की सुध नहीं ले रहा है, जिससे लोगों में संबंधित विभाग के खिलाफ रोष है। हाईवे पर कोटद्वार और दुगड्डा के मध्य मार्ग की हालत खस्ताहाल है। कई जगहों पर पहाड़ियां दरक रही हैं। पांचवें मील के समीप नया डेंजर जोन बनने से यहां पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं। कई जगहों पर मार्ग पर डामर उखड़ चुकी है।
हाल ही में हुई बारिश से अब आमसौड़ के समीप जमरगड्डी गदेरा में बने पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे यहां हाईवे के धंसने का खतरा बना हुआ है। स्थिति यह है कि भारी बारिश में हाईवे कभी भी बंद हो सकता है। इसके अलावा दुगड्डा से आगे भी डामर उखड़ने से हाईवे खस्ताहाल है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कुंदन सिंह, इंद्रमोहन जुयाल, राजेंद्र सिंह, शुभम ठाकुर, रजत रावत और अमित कुमार आदि ने कहा कि पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त होने से आमसौड़ के समीप सड़क धंसने की आशंका बनी हुई है।
अवर अभियंता एनएच धुमाकोट अरविंद जोशी ने कहा कि आमसौड़ में पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त होने का मामला संज्ञान में है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए 173 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिसमें नए पुलों के निर्माण भी प्रस्तावित हैं। धनराशि स्वीकृत होने पर हाईवे का चौड़ीकरण करने के साथ ही नए पुल बनाए जाएंगे।
वही चमोली के देवाल चोटिंग गांव के सात आपदा प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन ने टेंट में शिफ्ट किया। भारी बारिश के कारण 10 जुलाई को चमोली जिले की देवाल तहसील के चोटिंग गांव के सात मकान खतरे की जद में आ गए थे। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को उनके आवासीय भवन से सुरक्षित स्थानों पर टेंट में शिफ्ट किया है। प्रभावित सभी परिवारों को तहसील प्रशासन के माध्यम से तिरपाल भी बांटे गए हैं। प्रभावितों की सहमति से चिह्नित सुरक्षित स्थानों पर टेंट लगाए गए हैं।
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