फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी: आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत कल मंगलवार को खीरी में “वृक्षारोपण जन आंदोलन-2022” का आगाज हुआ। वन एवं वन्यजीव विभाग तथा अन्य राजकीय कार्यदायी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ने तय लक्ष्य के सापेक्ष पौधों का रोपण शुरू किया। मंगलवार को जनपद में 6510621 वृक्षों को रोपने का लक्ष्य शाम 5 बजे तक पूर्ण करते हुए कुल 6700046 पौध रोपित किए। इस आयोजन में राजकीय कर्मचारियों, युवाओं, महिलओं एवं बच्चों ने सामूहिक रूप से भाग लिया।
इसके बाद वन विभाग के तत्वावधान में अफसरो ने पीलीभीत-बस्ती मार्ग एवं बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार के संयोजन में कोरैया जंगल में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किए। इस दौरान सभी पेड़ों की जियो टैगिग व हिरीतिमा एप पर फीडिंग स्वयं डीएफओ संजय विश्वाल ने की। इसके बाद नोडल अफसर ने ब्लॉक फूलबेहड़ के ग्राम खंभारखेड़ा में शक्ति वन, ग्राम ज्ञानपुर में अमृत वन, बिजुआ में पलिया रोड, थारू जनजाति क्षेत्र चंदन चौकी के विभिन्न ग्रामों में पौधरोपण अभियान का न केवल अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया बल्कि उन्होंने स्वयं भी पौधरोपण किया।
इसके बाद उन्होंने महमदाबाद में अमृत वन के लिए हो रहे पौधरोपण देखा। नोडल अधिकारी मिनिस्ती एस. ने कहा कि जीवन बिना वन के संभव नहीं है। जीव से वन का सीधा संबंध है। धरती बचाना है तो पौधरोपण करें। आने वाली पीढ़ी को खूबसूरत व हरा भरा बनाकर दें। धरती का श्रृंगार वृक्ष हैं। इसके लिए सभी को संकल्पित होकर पौधरोपण में जुटना चाहिए। खाली भूमि पर पौध लगाएं, जिससे पर्यावरण के साथ हम खुद को तथा भविष्य को सुरक्षित करें।
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि वृक्ष पृथ्वी का श्रंगार है। हरियाली लाने, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पौधरोपण करना जरूरी है। प्राचीन ग्रन्थों मे वृक्ष को जीवन दायिनी माना गया है, वृक्षों से पर्यावरण की सुरक्षा होती है इसलिए हमे अधिक से अधिक पौधरोपण कर पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए। हम अपनी पूर्व पीढ़ी द्वारा लगाये वृक्षों से आक्सीजन व फल प्राप्त कर रहे है। अतः हमें अपनी आने वाले पीढ़ी के लिए उसी प्रकार वृक्ष लगाने चाहिए, जिससे हम ऋणमुक्त हो सके।
आकांक्षा अध्यक्ष अल्पना सिंह ने कहा कि वृक्ष धरती के आभूषण है अधिक से अधिक पौध रोपित कर धरती का आभूषणयुक्त बनाना है, पौधरोपण न केवल वैज्ञानिक रूप से बल्कि आध्यामिक रूप से हम सबके लिए आवश्यक है।
सीडीओ अनिल सिंह ने कहा कि वृ़क्ष बिना किसी अपेक्षा के हमें जीवनदायी आक्सीजन, फल, ईधन देते है और इसके साथ ही वह हमें बहुत बड़ी सीख भी देते है। विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को हमें वृक्षों की इस महत्व से परिचित कराना होगा कि वृक्ष पत्थर खाकर भी बदले में हमें फल ही देते है।
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