Accident

चल रही थी बारात की तैयारी तभी मंडप कार्यक्रम में खाना बनाने के दौरान सिलिंडर में लगी आग, चार लोग जिन्दा जले, कई झुलसे

मो0 कुमेल

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में आज एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है। मामला शाहजहांपुर जिले के कलान थाना क्षेत्र के गाव विक्रमपुर का है जहाँ रविवार को प्रियंका की बारात आनी थी। बारात की तैयारी चल रही थी। मंडप कार्यक्रम के लिए खाना बन रहा था। इसी दौरान सिलिंडर में आग लग गई। आग लगने से गांव की पूर्व प्रधान मुन्नी देवी (65), गंगा देवी (70) नीलम (35) और वंदना (22) की झुलसकर मौत हो गई। हादसे में तीन और लोग भी झुलसे हैं। इनका इलाज बरेली व बदायूं के अस्पतालों में चल रहा है। बताते चले कि गांव में बरात की तैयारी के दौरान सिलिंडर फटने की घटना ने महिलाओं की घबराहट और जानकारी न होने की वजह से बड़ा रूप ले लिया।

आग लगते ही महिलाओं ने सिलिंडर पर बालू की बजाय पानी डाला तो आग और भड़क गई जिससे एक के बाद एक करके चार महिलाओं की जान चली गई। मिली जानकारी के अनुसार प्रियंका की बारात आने वाली थी और प्रियंका की शादी का सारा जिम्मा उसके चाचा प्रधान ओमवीर यादव और ताऊ रामऔतार यादव ने संभाल रखा था। प्रियंका के पिता रामनिवास की काफी पहले मौत हो चुकी है। उनकी मौत के बाद प्रियंका और उसके भाई आलोक की पूरी जिम्मेदारी ओमवीर व रामऔतार ही संभाल रहे थे। चाचा और ताऊ ने ही उसकी शादी जैथरा गांव में तय की थी। अच्छा रिश्ता मिलने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। पहले ही ओमवीर और रामऔतार ने सारी तैयारियों को पूरा कर लिया था।

सारे रिश्तेदारों को कार्ड दिए गए थे, लिहाजा प्रियंका की शादी में अधिकतर मेहमान आ चुके थे। घर के आंगन में मंडप सजाया गया था। वहीं पर मेहमानों के लिए खाना बन रहा था। मंडप के लिए बेसन बनाने के काम में महिलाएं जुटी थीं। बताते चले कि जिस जगह पर हादसा हुआ वहां तीन सिलिंडर उपयोग में लिए जा रहे थे। एक सिलिंडर से चूल्हा, दूसरे से भट्टी जल रही थी। बेसन बनाने के साथ ही महिलाएं मंगल गीत भी गा रहीं थीं। ढोलक बजाई जा रही थी। वही तीसरे सिलिंडर से चूल्हा जैसे ही जलाया गया, सिलिंडर ने आग पकड़ ली। सिलिंडर से लपटें उठने पर महिलाओं ने मिट्टी या बालू का प्रयोग करने के बजाय उस पर वहीं पर भरी रखी बाल्टी का पानी उड़ेल दिया जिससे आग भड़क गईं। इसके बाद अन्य सिलिंडरों ने भी आग पकड़ ली।

कुछ देर में पूरा घर आग की चपेट में आ गया। वहीं पर बैठीं मुन्नी देवी, नीलम और गंगा देवी की आग की चपेट में आने से मौके पर मौत हो गईं। जबकि, मनोरमा, आलोक और वंदना भी गंभीर रूप से झुलस गए। आग की लपटें उठती देखकर गांव के अजीत और दीपेश यादव दौड़कर आ गए। उन्होंने हिम्मत दिखाई। जल रहे सिलिंडर को उठाकर कुछ दूरी पर स्थित तालाब में ले जाकर डाल दिया। उसके बाद पड़ोस में स्थित गैस एजेंसी से अग्निशमन यंत्र लेकर आए। आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। इसके बाद अन्य ग्रामीण भी आ गए। उन्होंने पानी डालकर आग पर काबू पाया। आग से झुलसने वालों को तुरंत ही बदायूं और बरेली भेजा गया। गंभीर रूप से झुलसी वंदना ने बदायूं ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। परिजन उसका शव वापस ले आए।

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