मो0 कुमेल
डेस्क: महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड के मास्टरमाइंड को पुलिस ने दबोच लिया है। आरोपी का नाम शेख इरफान शेख रहीम है। उसकी उम्र 35 साल है और वो अमरावती के पठान चौक का रहने वाला है। पुलिस ने उसे नागपुर से गिरफ्तार किया। पुलिस अब तक सात आरोपियो को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने उसे नागपुर से गिरफ्तार किया इसके साथ ही पुलिस अब तक सात आरोपियो को गिरफ्तार कर चुकी है।
बताते चले कि बाइक सवार दो हमलावरों ने 21 जून को 54 वर्षीय उमेश कोल्हे पर पहले हमला किया और बाद में उनकी हत्या कर दी। घटना अमरावती शहर की है। जिस समय ये घटना हुई उस समय उमेश अपने काम से लौट रहे थे। पुलिस ने उमेश कोल्हे की हत्या में शामिल 7 आरोपियों की पहचान की। इनके नाम 35 वर्षीय शेख इरफान शेख रहीम, 22 वर्षीय मुद्दसिर अहम, 25 वर्षीय शाहरुख पठान, 24 वर्षीय अब्दुल तौफिक, 22 वर्षीय शोएब खान, 22 वर्षीय आतिब राशिद और 44 वर्षीय युसूफ खान बहादुर के रूप में की गई है। सभी आरोपी अमरावती के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू को भी बरामद कर लिया है।
घटना को लेकर स्थानीय बीजेपी इकाई द्वारा अमरावती पुलिस को फटकार लगाने के बाद शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दिया। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल मामले में भी जांच एनआईए कर रही है। पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को दिए एक बयान में कहा कि उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में एक व्हाट्सएप पोस्ट किया था।
अमरावती पुलिस का कहना है कि उमेश कोल्हे ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देने वालीं निलंबित बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के समर्थन वाली पोस्ट व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर की थी। इस ग्रुप में मुस्लिम भी सदस्य थे। पुलिस अफसर के हवाले से पीटीआई ने बताया, “कोल्हे अमरावती शहर में एक मेडिकल स्टोर चलाते थे. उन्होंने नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाला एक पोस्ट व्हाट्सऐप ग्रुप पर शेयर किया था। उस समूह में कुछ मुस्लिम भी सदस्य थे, जिनमें से कुछ उनके ग्राहक थे।”
बताया जा रहा है कि 21 जून को, कोल्हे जब अपनी दुकान बंद करके घर को लौट रहे थे तो रात 10 बजे के करीब मोटरसाइकिल सवार दो युवकों ने गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। उनका 27 साल का बेटा और पत्नी एक दूसरे वाहन में पीछे आ रहे थे। 12 दिन पहले हुए इस मर्डर के बाद पुलिस ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन शनिवार सुबह तक यह नहीं माना कि यह हत्या नुपुर शर्मा के समर्थन से जुड़ी हुई थी।