ईदुल अमीन/अनुराग पाण्डेय
वाराणसी: वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दोहन का लगातार प्रयास रहता है कि प्राधिकरण के कार्यशैली पर कोई सवाल न उठा सके। मगर हालत ऐसी है कि उनके अधिनस्त है कि खुद की कार्यशैली न बदलने की कसम लगता है खा रखा है। एक तरफ कार्यशैली सही रहे उसके लिए प्राधिकरण में बार बार स्थानान्तरण मेल भी चला रहा है। मगर नतीजा कोई ख़ास निकल कर सामने आ रहा है।
भवन सील होने के बाद एक दिन काम रुका फिर आता है सोमवार। सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि सोमवार को विकास प्राधिकरण के स्थानीय कर्मचारियों और भवन स्वामी की एक गोपनीय बैठक होती है। बैठक की मध्यस्थ एक स्थानीय खुद को सपा नेता बताने वाले के द्वारा होती है। फिर क्या साहब, भवन है सील और काम है जारी। इसको कहते है ज़बरदस्त यारी। सील भवन पर काम धड़ल्ले से चल रहा है। स्थानीय पुलिस शांति व्यवस्था देखे या फिर प्राधिकरण के द्वारा सील भवनों को बैठ कर अगोरे। जिस दिन भवन सील हुआ था उस दिन निर्माण स्थल पर लगभग 40 बोरी सीमेंट थी जो खत्म हो चुकी है।
दुनिया की नजरो से बचाने के लिए पुरे भवन पर तिरपाल डाल दिया गया है। जिससे किसी को पता न चल सके कि भवन सील है। तिरपाल के अन्दर जमकर अवैध निर्माण कार्य हो रहा है। स्थानीय दावो को माने तो प्राधिकरण के सेटिंग में थोडा मेहनत लगी है। एक सूत्र ने तो दावा किया कि जेई साहब को तकिया अच्छी और मुलायम मिली है।
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