गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा द्वार से बाबा दरबार नहीं जा सकेंगे श्रद्धालु
शाहीन बनारसी/करन कुमार
वाराणसी: लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर के कारण सावन के दुसरे सोमवार को श्रद्धालु अब गंगा द्वार से बाबा के धाम में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। जलस्तर में बढाव के कारण श्रद्धालुओं के लिए गंगा द्वार को बंद कर दिया गया। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण दो घाटों का संपर्क समाप्त होने के बाद मंदिर प्रशासन ने देर शाम यह निर्णय लिया है। श्रद्धालु अब अपने परंपरागत मार्ग से ही मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे। रविवार की रात गंगा का जलस्तर 62.46 मीटर दर्ज किया गया। बताते चले कि गंगा में बढ़ाव जरूर है, लेकिन स्थिति अभी चिंताजनक नहीं है।
कल रविवार को गंगा में बढ़ाव के कारण मानमंदिर और त्रिपुरा घाट के बीच संपर्क टूट गया। हालांकि दिन में कई लोग मानमंदिर से त्रिपुरा भैरवी जाने की मोड़ पर मौजूद चौड़े प्लेटफार्म से पानी में से होकर जाते रहे। वहीं, रात को शिवाला घाट के सबसे बड़े प्लेटफार्म पर पानी पहुंच गया। शिवाला घाट को हनुमान घाट से जोड़ने वाले किनारे पर लोग पानी से होकर आ जा रहे थे। बढ़ता जलस्तर भैंसासुर घाट और डॉ0 राजेंद्र प्रसाद घाट पर बने पक्के मंच के नीचे तक लहराने लगा था। इसके अलावा तुलसी घाट पर प्लेटफार्म और पानी के बीच चार सीढ़ियों का फासला ही बचा है।
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि घाटों का संपर्क समाप्त होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से गंगा द्वार से प्रवेश बंद करने का निर्णय लिया गया है। श्रद्धालु अब परंपरागत मार्ग से ही बाबा दरबार में दर्शन के लिए आएंगे।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह की अपेक्षा दोपहर बाद से जलस्तर की गति धीमी हो गई। आयोग के बाढ़ बुलेटिन में सुबह आठ बजे जलस्तर 62.38 मीटर था जो कि बीते शनिवार को रात आठ बजे की अपेक्षा 22 सेंटीमीटर ज्यादा था। यह चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से लगभग आठ मीटर और खतरे के निशान 71.26 मीटर से लगभग नौ मीटर नीचे है।
सुबह से दोपहर 12 बजे तक जलस्तर प्रतिघंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ते हुए 62.42 मीटर पर पहुंचा और इसके बाद इसकी रफ्तार और धीमी हो गई थी। अपराह्न तीन बजे तक जलस्तर 62.44 मीटर दर्ज किया गया था। इसके बाद भी जलस्तर में वृद्धि की गति धीमी होती गई। जिसके कारण सायं छह बजे यह 62.45 मीटर तक ही पहुंचा था।
वहीं, सायं छह बजे के बाद जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की गति से बढ़ते हुए रात आठ बजे तक 62.46 मीटर पर पहुंच चुका था। विशेषज्ञों की माने तो जलस्तर में बढ़ाव की संभावना अभी भी बनी हुई है, क्योंकि पहाड़ों पर अब भी भारी बारिश हो रही है। जलस्तर बढ़ने का असर गंगा की सहायक नदी वरुणा में भी नजर आने लगा है।