पटना एसएसपी के बयान से एनडीए में नूरा कुश्ती चालू
अनिल कुमार
पटना: 12 जुलाई के पीएम मोदी के पटना दौरे के बाद ऐसा लग रहा था कि भाजपा और जदयू में खाई पट चुकी है। पर गुरूवार को पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने एक प्रेस कॉंफ्रेस में एक ऐसा बयान दे दिया है कि जिससे बिहार में भाजपा और जदयू आमने सामने भिड़ते नजर आ रहे हैं। उस पीसी मे पटना एसएसपी ने पीएफआई की तुलना आरएसएस से कर दिया। उसके बाद भाजपा के तमाम नेताओं ने बिहार के सीएम नीतिश कुमार से पटना एसएसपी पर कारवाई करने की मांग कर दी। पटना एसएसपी एसएसपी अपने बयान में यह बताया था कि जिस तरह से आरएसएस की शाखा में स्वयंसेवक को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है उसी तरह पीएफआई भी अपने लोगों को मस्जिदों में प्रशिक्षण देता है| ऐसा बयान पटना एसएसपी को देते ही बिहार भाजपा के तमाम नेताओं ने पटना एसएसपी पर कारवाई करने की मांग कर दी।
पटना एसएसपी के विवादित बयान के बाद भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने पटना एसएसपी के खिलाफ कारवाई नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दे दी। वहीं एनडीए के घटक दल जीतन राम मांझी की हम पार्टी ने पटना एसएसपी के बचाव में आ गयी और उसके साथ प्रमुख विपक्षी दल राजद ने भी पटना एसएसपी के बयान का समर्थन किया।
इधर सत्ता की सुख भोग रही जदयू के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भाजपा को साफ लफ्जों में कह दिया कि पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो पर कारवाई नहीं होगी। अशोक चौधरी का यह बयान साफ दर्शाता है कि सीएम नीतिश कुमार पटना एसएसपी पर कारवाई करने की मूड में नहीं हैं।क्योंकि नीतिश कुमार को जब भी अपने विरोधियों पर आक्रमक बयान दिलवाना रहता है तो उसके लिए अशोक चौधरी और जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार का इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के खिलाफ भी अशोक चौधरी ने जमकर हमला बोला था।
अभी कुछ देर पहले पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने भी अपने बयान पर सफाई देते हुए है कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है।किसी संगठन के तुलना करने का सवाल ही नही उठता है| उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है जो कि गलत बात है। पटना एसएसपी ने यह भी कहा है कि फुलवारी शरीफ में जिस साजिश के खुलासा हुआ है उससे पीएम मोदी को सीधे तौर पर खतरा नहीं था। अब यह देखना है कि सत्ता के सुख भोग रही एनडीए पार्टियो के भीतर घमासान बंद होगा या कुछ और निष्कर्ष निकलता है।