मो0 कुमेल
डेस्क: मेरठ के लिसाड़ी गेट के लखीपुरा में 12 अगस्त को कब्रिस्तान के पास एक युवती का सिर कटा शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। शव के पास ही फल रखने वाली प्लास्टिक की खाली कैरेट पड़ी थी। शव चादर में लिपटा था और हाथ बंधे हुए थे। पुलिस का अनुमान था कि वारदात के बाद हत्यारोपी शव को चादर में लपेट कैरेट में रखकर कब्रिस्तान में दबाने ले जा रहे होंगे तभी किसी के आ जाने से वह शव को कब्रिस्तान के पास में ही छोड़कर भाग गए।
मेरठ की एक बेटी मुहब्बत के बीच आई झूठी शान के हाथो अपनी ज़िन्दगी की रफ़्तार को रोक बैठी. ये ज़ुल्म उस पर किसी और ने नहीं किया बल्कि उन हाथो ने किया जिसने उसको पाल पोस कर बड़ा किया था. जिसके साए को अपने सर पर बरक़रार रखने के लिए वह दिन रात अपनी दुआओं में हाथ रब की बारगाह में फैलाती थी. उसी बाप ने ही उसका गला रेत डाला. शाइना ने मां पिता और भाई के सामने दूसरे युवक से निकाह न करने की खूब मिन्नतें की लेकिन किसी ने एक न सुनी। शाइना की जिंदगी परिजनों की इज्जत से बढ़कर शायद नहीं थी, यही कारण था कि जिस पिता ने उसे गोद में खिलाया उसी ने शाइना का सिर धड़ से अलग कर उसे मौत के घाट उतार दिया। जिस मां ने उसे जन्म दिया, जिस भाई के साथ वह खेली कूदकर बड़ी हुई वह भी इस जघन्य हत्याकांड में शामिल रहे। छह दिन तक इस मामले को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट गए आखिरकार बुधवार को युवती की लाश की पहचान हो गई। हालांकि युवती का सिर की पुलिस अभी नाले में तलाश कर रही है।
हालांकि पुलिस आरोपियों से पूछताछ के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर इस घटना का पूरी तरह खुलासा करेगी। इस केस को सुलझाने के लिए पुलिस ने सौ ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले और पांच हजार नंबरों की सीडीआर निकलवाई है। सूचना देने वाले इमरान की ओर से तहरीर लेकर हत्या का केस भी दर्ज कर लिया। युवती काले रंग का छींटदार सूट पहने हुए थी। युवती की पहचान कराना पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बन गया था। पुलिस के अनुसार धड़ से बहते खून को देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि हत्या कुछ ही समय पहले हुई थी। पुलिस ने आसपास के इलाके के सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग सका। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और कातिल पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस ने शाइना के भाई और मां को हिरासत में ले रखा है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
मेरठ शहर में युवतियों के सिर कटे शव मिलने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं लेकिन पुलिस कातिलों को तलाशने में नाकाम ही साबित हुई। कभी नाले में लाश को फेंक दिया गया तो कभी दूसरे स्थान से लाकर मेरठ में लाश फेंकी गई। लिसाड़ी गेट, कैंट और ब्रह्मपुरी में ओडियन नाले में भी युवतियों के सिर कटे शव मिल चुके हैं। पुलिस इनमें से कई मामलों को सुलझाना तो दूर शवों की पहचान तक नहीं करा पाई।
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