तारिक़ आज़मी
वाराणसी: MP-5 गन से दनादन फायरिंग प्रकरण में पुलिस ने दो लोगो को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी कर दिया है। पुलिस के गिरफ्त में आये दोनों युवको का नाम आलम और आमिर मलिक बताया जाता है। जिसमे आमिर मलिक का पुराना अपराधिक इतिहास रहा है। बेशक आलम का कोई अपराधिक इतिहास सामने नही आया है। पुलिस के अधिकारी इस मामले में अभी बयान देने से कतरा रहे है, मगर दैनिक भास्कर के पुष्पेन्द्र त्रिपाठी की रिपोर्ट से मिल रही जानकारी के अनुसार आरोपियों से पुलिस ने पूछताछ जारी रखा हुआ है और इस गन का सम्बन्ध मेलेट्री से बता रहे है।
दैनिक भास्कर के पुष्पेन्द्र त्रिपाठी की रिपोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस पकड़ में आया युवक आलम साडी छापे का काम कर्ट है और उसने बताया कि वह वर्ष 2014 में अपने दोस्त सिकंदर के साथ सूरत गया था। सूरत से वह मुंबई गया था। वहां NSG में उन दिनों उसके आर्मी के एक कैप्टन दोस्त डेप्युटेशन पर तैनात थे। वह अपने साथियों और विभाग के कर्मचारियों के साथ शूटिंग रेंज में फायरिंग कर रहे थे। उन्हें देख कर उसकी भी फायरिंग की इच्छा हुई तो उसने उनसे कहा। उसके कैप्टन दोस्त आसानी से तैयार हो गए। इसके बाद उसने पांच राउंड फायरिंग किया था। उसके फायरिंग करने का वीडियो उसके दोस्त सिकंदर ने बना लिया था। वह वीडियो ना जाने अब कैसे वायरल हुआ है, उसे समझ में नहीं आ रहा है। पुलिस गिरफ्त में आया दूसरा युवक आमिर मलिक है। दोनों एक दुसरे का दोस्त बता रहे है।
रिश्तो की है खिचड़ी, करीबी रिश्ते पोशीदा क्यों?
हमने इस रिपोर्ट पर ध्यान दिया तो आलम और आमिर मलिक को दोस्त पुलिस बता रही है। वही सिकंदर को भी आलम का दोस्त बता रही है। यहाँ रिश्तो की पड़ी हुई खिचड़ी या तो पुलिस सुलझा नही पा रही है या फिर शायद पता ही नही है। दरअसल, आमिर मलिक और आलम एक दुसरे के सगे फुफेरे भाई है और जीजा-साले भी है। आमिर मलिक के बहन की शादी आलम से हुई है। साथ ही आमिर मलिक आलम के सगे मामा का बेटा भी है। रिश्ते की इस खिचड़ी में सबसे बड़ी बात ये है कि सिकंदर भी आलम अथवा आमिर मलिक का कोई दोस्त नही है। बल्कि सिकंदर का पूरा नाम जुलकरनैन उर्फ़ सिकंदर है। जो आमिर मलिक का सगा चाचा और आलम का सगा मामा है। आलम की माँ सिकंदर की बड़ी बहन है।
रिश्ते की इस खिचड़ी में बेशक आपका भी सर घूम रहा होगा। मगर जो हम आगे बता रहे है उसको सुनकर तो और भी आप अचम्भे में पड़ जायेगे।दरअसल मदनपुरा के निवासी गयासुद्दीन अंसारी के 6 बेटे है। क्रम से देखे तो फरीद अंसारी, फारुख अंसारी, अज़ीज़ अनवर उर्फ़ बब्लू, फ़य्याज़ अंसारी, फैजान अंसारी और सबसे छोटा जुलकरनैन उर्फ़ सिकंदर जिसका नाम इस प्रकरण में सामने आ रहा है। इस परिवार में फरीद अंसारी और फारुख अंसारी दबंग है। दोनों पर कई मुक़दमे लक्सा और अन्य थानों पर दर्ज है। फारुख अंसारी का बेटा आमिर मलिक है। फारुख की बेटी यानी आमिर मलिक के बहन की शादी आलम के साथ हुई है। जबकि आलम की माँ फारुख अंसारी की सगी छोटी बहन है।
फारुख पर कई मुक़दमे दर्ज है। साथ ही फरीद अंसारी जो इस परिवार में सबसे दबंग शख्सियत का नाम है पर भी 2007 तक के मिले हमको साक्ष्यो के अनुसार कुल 14 मुक़दमे दर्ज है। ये सभी 6 भाइयो का संयुक्त परिवार है। जिसमे फरीद अंसारी के खिलाफ वर्ष 2007 में दिली एक शिकायत पर तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी ज़ोन ने एलआईयु से गोपनीय जाँच करवाया था। इस जाँच रिपोर्ट को जाँच अधिकारी ने जाँच के बाद पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी ज़ोन को जमा कर दिया था। इसके बाद इस रिपोर्ट का क्या हुआ कोई जानकारी नही प्राप्त हो रही है। मगर जाँच रिपोर्ट में जिन तथ्यों को दर्शाया गया था वह वाकई काफी चौकाने वाला है।हमको हमारे सूत्रों ने इस रिपोर्ट के बारे में बताया जिसमे साफ़-साफ़ लिखा है कि “इसका (फरीद अंसारी का) गोपनीय सम्बन्ध अपराधियो से भी बतायां जाता है, जिनके जरिये ये अपने स्वार्थ की पूर्ति करता है। यदपि कि कोई पुष्टिदायक तथ्य प्रकाश में नही आया है, किंतु ऐसा आभास होता है कि यह समाज/राष्ट्रविरोधी तत्वों से भी गोपनीय तालमेल रखता है।“
इतनी गम्भीर जांच रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही हुई इसकी जानकारी हमको कही से प्राप्त नही हो रही है। मगर फिर भी ऐसे गम्भीर मामलो में ऐसी रिपोर्ट का ठन्डे बसते में जाना इस रिपोर्ट में लिखे तथ्यों की पुष्टि करता है कि फरीद अंसारी अपनी मीठी बातो से अधिकारियों का करीबी बन जाता है और उसके बाद सांप्रदायिक मुद्दों पर जनता को भ्रमित करता है। शायद ये फरीद अंसारी की खुद की पकड़ अधिकारी स्तर पर होगी जो ये रिपोर्ट ऐसे दब गई। मगर कहते है कागज़ मरता नही है। परिवार में शातिराना दिमाग कितना है इसका अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि सगा जीजा अपने साले को दोस्त और सगा भांजा अपने मामा को मित्र बता रहा है। सवाल बड़ा ये है कि किसी कर्नल का नाम बता कर ये बताना कि गन शोट उसने करवाया संदिग्ध इसलिए लगता है कि एक आम इंसान और अपराधिक इतिहास वाला व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश भी तो कर सकता है जो देश के लिए मर मिटने की कसम खाकर बैठा हो। क्या ये संभव नही है कि ये खुद झूठ बोल रहा हो अपने आकाओं को बचाने के लिए।
अपराध से रिश्ता तलाशना बहुत टेढ़ी खीर तो नही
आमिर मलिक और आलम पुलिस गिरफ्त में है। आमिर मलिक और आलम के तार अगर खिचे तो फिर तौफीक और अली तक के कनेक्शन निकाले जा सकते है। तौसीफ का जग ज़ाहिर है कि वह कौन है? वही रिश्ता अली से भी तो निकल जायेगा। जिसके बाद मामला बनारस की सीमा को पार कर जौनपुर जनपद की सीमा में एक चर्चित गाँव तक चला जायेगा। थोडा कनेक्शन आजमगढ़ के सुनैया ग्राम तक भी जा सकता है। अब कड़ियाँ जोड़ना तो पुलिस का काम है।
कितनी घातक है एमपी-5
गूगल बाबा की माने तो MP-5 का पूरा नाम मशीन पिस्टल-5 है। इसका मतलब है सब मशीन गन 5, यह एक 9MM सब मशीन गन है, जिसे 1960 में जर्मन के एक स्माल आर्म्स डेवलपर हेकलर एंड कोच (H&K) ने डिजाइन और डेवलप किया था। इस वेपन का अब तक 100 से ज्यादा वैरिएंट उपलब्ध है। इसका वजन महज़ 3 किलो 100 ग्राम होता है। MP-5 गन दुनिया के कुछ एक उन हथियारों में शामिल हैं जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती हैं। एक जानकारी के अनुसार, अभी तक 40 से ज्यादा देशों के सुरक्षा जवान इसको इस्तेमाल करते हैं। यह एक क्लोज कॉम्बैट फायरिंग वेपन है। यह एक असाल्ट वेपन है, इसलिए यह सिविलियन यानी आम आदमी के लिए प्रतिबंधित है। इसमें 9MM पिस्टल में लगने वाली गोली ही लगती है, यानी इस वेपन और 9MM ऑटो पिस्टल और ग्लॉक पिस्टल दोनों में सेम गोली लगती है। यह शॉर्ट रेंज के लिए बेहतरीन वेपन माना जाता है।
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