प्रयागराज: बीते 24 घंटो में तेज़ी से बढ़ा गंगा-यमुना का जलस्तर, जाने क्या है मुख्य कारण..?

तारिक़ खान/तौसीफ अहमद

प्रयागराज: बीते दो दिन से गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। जिस बात की आशंका थी आखिरकार वहीं हुआ। नदियों का पानी बढ़ने की वजह से निचले इलाकों में आज काफी अंदर तक बाढ़ का पानी घुस आया। बाढ़ का पानी बढ़ने के साथ ही जिला प्रशासन ने राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाकर 15 कर दी है। इसके अलावा 98 बाढ़ चौकियां भी बना दी हैं। दरअसल मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में हो रही बारिश प्रयागराज वासियों के लिए आफत बन गई है। गंगा और यमुना ने बीते 24 घंटे के दौरान ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दोनों ही नदियों के जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की वृद्धि हो गई।

दोनों ही नदियों के पानी में जिस रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है उससे यही माना जा रहा है कि खतरे का निशान बृहस्पतिवार या शुक्रवार तक पार हो जाएगा। नदियों में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रयागराज के लिए एनडीआरएफ की 36 सदस्यीय टीम भी यहां पहुंच चुकी है। बारिश का पानी गंगा और यमुना के सहारे प्रयागराज पहुंच रहा है। जलस्तर बढ़ने से गंगा और यमुना दोनों के ही खतरे का निशान पार करने की संभावना बन गई है। उधर पानी बढ़ने से सलोरी, शिवकुटी, छोटा बघाड़ा, गंगानगर, पितांबर नगर, बेली गांव, गौस नगर, दारागंज, रसूलाबाद, जोंधवल,  गड्ढा कालोनी आदि इलाकों में रहने वाले लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ गई है।

दहशतजदा लोग जो पहले भी बाढ़ का कहर झेल चुके हैं उन्होंने अपना सामान भी समेटना शुरू कर दिया है। पत्रकार कालोनी में रहने वाली सुषमा ने बताया कि उनके घर के काफी करीब पानी पहुंच चुका है। इसी वजह से वह बृहस्पतिवार को घर से जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थान की ओर प्रस्थान कर जाएंगी। गंगा के मुकाबले प्रयागराज में यमुना में पीछे से ज्यादा पानी आ रहा है। ललितपुर स्थित माता टीला बांध के कई गेट पिछले कई दिनों से खुले हुए हैं। इस वजह से यमुना की सहायक नदियां केन एवं बेतवा भी उफान पर हैं।

राजस्थान के कोटा से पिछले सप्ताह पांच लाख और दो दिन पहले ही 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिए जाने से चंबल भी उफान पर है। चंबल का भी पानी यमुना में मिलता है। बुधवार की रात आठ बजे यमुना का नैनी में जलस्तर 83 मीटर के आंकड़े को पार कर गया। उधर फाफामऊ में गंगा का जलस्तर रात आठ बजे 83.08 मीटर पर पहुंच गया था। प्रयागराज में दोनों ही नदियों के  खतरे का निशान 84.734 मीटर है। प्रयागराज में गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत शिविर की संख्या 10 से  बढ़ाकर 15 कर दी है। 98 बाढ़ चौकिंयों को भी अलर्ट में रहने को कहा गया है।

दरअसल मंगलवार की रात नैनी में यमुना का जलस्तर 82.10 मीटर था जो 24 घंटे में एक मीटर बढ़ गया। इसी तरह फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.20 मीटर बढ़कर 24 घंटे में 88 सेमी  बढ़ गया। उधर बाढ़ को देखते हुए एनडीआरएफ की एक टीम कमांडेंट मनोज शर्मा के नेतृत्व में आ चुकी है। निरीक्षक बृजेश कुमार तिवारी समेत कुल 36 सदस्य इस टीम में हैं। इस टीम ने एडीएम वित्त एवंर राजस्व जगदंबा सिंह के साथ एक बैठक भी की। बताया जा रहा है कि राहत शिविरों में बृहस्पतिवार से लोगों की संख्या बढ़ सकती है। रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों की धड़कन तेज हो गई है। लोग पलायन के लिए तैयारी कर रहे हैं। गंगा और जमुना खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है।

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