तारिक़ आज़मी
उत्तर प्रदेश में यादव सियासत पर एक छत्र राज समाजवादी पार्टी का दशको तक रहा है। उत्तर प्रदेश की सियासत में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यादव समाज को अपने साथ जोड़ कर रखा था। मगर जब से पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथो में गई है, समाजवादी पार्टी का कोर वोटर यादव समाज थोडा पार्टी से कटता दिखाई दे रहा है। प्रदेश में जातिगत समीकरण को देखे तो 9 फीसद की आबादी वाला यादव समाज मुलायम सिंह यादव के साथ हमेशा खडा रहा है। जिसके ऊपर भाजपा सहित सभी दलों की नज़र रही।
इन सबके बीच सबसे बड़ा झटका समाजवादी पार्टी को पिछले दिनों लगा है। जब सपा के पूर्व सांसद हरमोहन सिंह यादव की पुण्यतिथि पर आयोजित गोष्ठी में पीएम नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। यहाँ सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात जो थी वह ये कि हरमोहन सिंह यादव को मुलायम सिंह का निकटस्थ माना जाता है और वह समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में एक थे। केवल चौधरी हरमोहन सिंह यादव ही नही बल्कि उनका पूरा परिवार मुलायम सिंह यादव का करीबी हुआ करता था। वह तीन बार एमएलसी और दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे। यादव महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। हरमोहन सिंह के बेटे सुखराम 2004 से 2010 तक यूपी विधान परिषद में सभापति रहे। लेकिन समय के साथ ये परिवार सपा से दूर होता गया। इसी साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उनके बेटे मोहित यादव भाजपा में शामिल हो गए। चुनाव के बाद सुखराम की पीएम मोदी और सीएम योगी से मुलाकात चर्चा का विषय बनी।
अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा वो संगठन है, जो 88 साल का हो गया है और महज़ 2 साल बाद अपने 100 साल पुरे कर लेगा। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा की स्थापना वर्ष 1924 में की गई थी। इस महासभा पर हमेशा से यूपी के नेताओं का ही वर्चस्व रहा। कुल 46 अध्यक्षों में से अधिकतर यूपी से ही रहे। मुलायम सिंह यादव शुरुआत से ही इस महासभा से जुड़े रहे। 90 का दशक आते-आते मुलायम का महासभा में वर्चस्व कायम हो गया। चौधरी राम गोपाल, हरमोहन सिंह और उदय प्रताप सिंह तीनों ही सपा से जुड़े रहे और महासभा में अध्यक्ष रहे।
उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव को यादवों का सबसे बड़ा नेता बनाने में इसी महासभा का योगदान माना जाता रहा है। 60 के दशक से मुलायम सिंह यादव के लिए अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा मजबूत रीढ़ की तरह साथ देती आई। 90 के दशक में जब मुलायम ने समाजवादी पार्टी का गठन किया तो इस यादव महासभा का आधार उनके काफी काम आया। समाजवादी पार्टी देखते ही देखते सत्ता के पायदान पर पहुंच गई। महासभा की ही देन रही कि मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी से यादव वोट बैंक सीधे तौर पर जुड़ गया। तमाम सियासी आंदोलनों, प्रदर्शनों में मुलायम को इस महासभा का साथ मिला।
फारुख हुसैन लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य आज लखीमपुर खीरी…
माही अंसारी वाराणसी: वाराणसी के सारनाथ थाना अंतर्गत पहाड़िया स्थित एक बहुमंजिला भवन में चल…
ए0 जावेद वाराणसी: राजातालाब थानाध्यक्ष अजीत कुमार वर्मा की शनिवार शाम एक सड़क हादसे के…
तारिक आज़मी वाराणसी: संभल आज साम्प्रदायिकता की आग में जल उठा। सदियों पुरानी सम्भल की…
शहनवाज अहमद गाजीपुर: गहमर थाना क्षेत्र के वारा गांव के पास गंगा नदी में आज…
आदिल अहमद डेस्क: बाबा सिद्दीक़ी के बेटे ज़ीशान सिद्दीक़ी मुंबई की बांद्रा पूर्व सीट से…