Health

जाने क्या है मुज़ी मर्ज़ लम्पी वायरस जो ले चूका है हज़ारो बेजुबान मासूम जानवरों की जान

तारिक़ खान

हमारे मुल्क में मुजी वायरस लम्पी बेजुबान मासूम जानवरों की जान ले रहा है। हम और आप क्या चिकित्सक भी केवल देख कर अफ़सोस ही जता पा रहे है। खासकर राजस्थान और गुजरात समेत 10 अलग अलग राज्यों में इस जानलेवा बीमारी ने अब तक 60 हजार से अधिक बेजुबान जानवरों की जान ले लिया है।

सिर्फ भारत ही नही बल्कि दुनिया के मुख्तलिफ मुल्को में इस मुज़ी मर्ज़ ने अभी तक बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं की जान ले लिया है। बेजुबान पशु अपने दर्द को बयान भी नही कर पा रहे है। पहले भी अन्य देशों में इस माहामारी से जानवरों के संक्रमित होने के मामले देखे गए हैं। यह वायरस सिर्फ पशुओं में ही फैलता है और इसके इंसानों में संक्रमण होने का कोई खतरा नहीं है। इस बात की पुष्टि एम्स के डॉक्टरों ने कर दी है।

क्या है ल्म्पी वायरस

लम्पी वायरस एक संक्रमित रोग है जो एक पशु से दुसरे पशु को हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि इसका संक्रमण मुख्य रूप से मच्छरों, मक्खियों, तत्तैयो, जूं आदि से फैल सकता है। इसके अलावा पशुओं के सीधे संपर्क में आने से भी फ़ैल सकती है। खासकर साथ खाने / दूषित खाने और पानी के सेवन करने से भी ये बीमारी फ़ैल सकती है। लम्पी वायरस एक बहुत ही तेजी से फैलने वाला वायरस है। वर्तमान में 15 से भी अधिक राज्यों में इस बीमारी के फैलने की पुष्टि हो चुकी है। इस बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए समय पर लक्षणों की पहचान कर उनके आधार पर इलाज शुरू कर देना ही एकमात्र तरीका है।

जानवरों में पायी जाने वाली एक जानलेवा बीमारी है। ये बीमारी दुधारू पशुओं में पाई जा रही है , मुख्य रूप से ये गायों में देखने को मिल रही है। इससे संक्रमित होने वाली गायों की हजारों की संख्या में मौत हो चुकी हैं। लम्पी वायरस संक्रमित पशु के संपर्क में आने से ही अन्य स्वस्थ पशु को भी हो जाता है। इसको विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने अधिसूचित बीमारी घोषित की है। इसका कोई पुख्ता इलाज अभी तक नहीं आया है। हालांकि इसका इलाज सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही किया जा सकता है।

ये बरते सावधानी

लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग कर दें और इनकी देखभाल करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। आप अपने हाथों को सैनिटाइज भी कर सकते हैं। कोशिश करें कि आप अपने हाथों को पशुओं की स्किन पर न लगाएं। वेटरनरी डॉक्टर की सलाह पर सभी पशुओं का वैक्सीनेशन करा सकते हैं। इससे यह बीमारी फैलने का खतरा कम हो जाएगा और पशुओं के साथ उनके आसपास रहने वाले लोग भी पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। समय रहते पशुओं की देखभाल की जाए तो इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

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