शाहीन बनारसी
हमारे मादर-ए-वतन हिन्दुस्तान में विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है। यहाँ पर कई धर्मो के लोग रहते है और सभी लोग आपस में मिल जुल कर सभी त्यौहार को मनाते है। हमारा मुल्क हिन्दुस्तान अमन-ओ-अमान का देश है। हमारे मुल्क हिन्दुस्तान में छोटे से छोटे त्योहारों को भी बड़े ही धूम-धाम से सेलिब्रेट किया जाता है। हमारे यहां तो छोटी छोटी खुशियों को भी बड़े ही अच्छे ढंग से और धूम-धडाके के साथ मनाया जाता है। हमारे मुल्क में त्यौहार ही नहीं बल्कि एकता और प्रेम का भी समावेश मिलेगा। इसी खूबी और एकता के कारण ही तो जो आता है हमारे मुल्क का होकर, यही रह जाना चाहता है।
बहरहाल, हम अपने पॉइंट पर आते है और जैसा कि आप सभी जानते है कि आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो गया है। शारदीय नवरात्र आज यानी कि 26 सितम्बर से शुरू हुआ है और समापन 4 अक्टूबर को होगा। ऐसे में शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी का व्रत 03 अक्टूबर को रखा जाएगा।सुबह से आपकी आखे नवरात्र के बधाई सन्देश से थक रही होंगी तो मोबाइल के डाटा भी खत्म ऐसे स्टीकर को डाउनलोड करके हो रहे होंगे। हमने इस शारदीय नवरात्र के सम्बन्ध में जानकारी इकठ्ठा किया और आज आपसे उसको साझा कर रही हु। क्या आप जानते है कि शारदीय नवरात्रि क्यों मनाया जाता है। आइये हम आपको इस त्यौहार से अवगत कराते है।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक शारदीय नवरात्रि हर साल शरद ऋतु में अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होते हैं और इसका विशेष महत्व है। इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितम्बर यानी आज से से शुरू हैं। नवरात्रि में नौ दिनों तक भक्त मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि नौ दिनों तक भक्तिभाव से मां दुर्गा की पूजा करने से वह प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्ट हर लेती हैं। नवरात्रि के पहले दिन मंदिर साफ करके वहां कलश स्थापना की जाती है। लेकिन क्या आप जानते है कि नवरात्रि क्यों मनाए जाते हैं और इसका क्या महत्व है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि एक साल में चार बार आते हैं लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू नववर्षक की शुरुआत चैत्र नवरात्रि से मानी जाती है। वहीं शारदीय नवरात्रि का भी अलग महत्व है। कहा जाता है कि शारदीय नवरात्रि धर्म की अधर्म पर और सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्हीं नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर आती है और धरती को उनका मायका कहा जाता है। उनके आने की खुशी में इन दिनों को दुर्गा उत्सव के तौर पर देशभर में धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। श्रध्दालु पहले दिन कलश स्थापना कर इन नौ दिनों तक व्रत-उपवास करते हैं।
नवरात्रि मनाए जाने को लेकर दो पौराणिक कथाएं प्रचलित है। पहली कथा के अनुसार महिषासुर नामक एक राक्षक ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर उनसे वरदान मांगा था कि दुनिया में कोई भी देव, दानव या धरती पर रहने वाला मनुष्य उसका वध न कर सके। इस वरदान को पाने के बाद महिषासुर आतंक मचाने लगा। उसके आतंक को रोकने के लिए शक्ति के रुप में मां दुर्गा का जन्म हुआ। मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक युद्ध चला और दसवें दिन मां ने महिषासुर का वध कर दिया।
दूसरी कथा के अनुसार जब भगवान राम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे तो उससे पहले उन्होंने मां भगवती की अराधनी की। भगवान राम ने नौ दिनों तक रामेश्वर में माता का पूजन किया और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें जीत का आर्शीवाद दिया। दसवें दिन राम जी ने रावण को हराकर लंक पर विजय प्राप्त की थी। तभी तक विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है।
जाने किस तिथि को पहने किस रंग का वस्त्र
शारदीय नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्र के नौ दिन भक्त मां दुर्गा (Maa Durga) की पूजा-उपासना करते हैं। नवरात्र के नौ दिनों की पूजा में रंगों का खास महत्व होता है। आइये ऐसे में जानते हैं 9 देवियों के प्रिय रंग।
पहला दिन
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री देवी को समर्पित है। मां शैलपुत्री का सबसे पसंदीदा रंग लाल है। इसके अलावा भी मां शैलपुत्री को सफेद रंग बहुत प्रिय है। यह रंग शुद्धता और शांति का प्रतीक है।
दूसरा दिन
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन यानी 27 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। इस दिन लाल रंग का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है।
तीसरा दिन
नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा देवी को समर्पित है। इनकी पूजा 28 सितंबर को होगी। मां चंद्रघंटा की उपासना में नारंगी रंग का उपयोग करना शुभ होता है।
चौथा दिन
नवरात्रि का चौथ दिन 29 सितंबर, 2022 को है। इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा होगी। ऐसे में इस दिन पीले रंग का इस्तेमाल करना शुभ होगा।
पांचवां दिन
नवरात्रि का पांचवां दिन 30 सितंबर, शुक्रवार को है। इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इनकी पूजा में हरे रंग का उपयोग करना शुभ रहेगा।
छठवां दिन
नवरात्रि की षष्ठी तिथि 01 अक्टूबर को है। ऐसे में इस दिन मां कात्यायनी की पूजा होगी। मां कात्यायनी की पूजा में ग्रे रंग का इस्तेमाल करना शुभ और मंगलकारी रहेगा।
सातवां दिन
नवरात्रि का सातवां दिन 02 अक्टूबर को पड़ रहा है। शारदीय नवरात्रि का सातवें दिन कालरात्रि देवी की पूजा होती है। मां कालरात्रि की पूजा में नीले रंग का इस्तेमाल करना शुभ होगा।
आठवां दिन
नवरात्रि का आठवां दिन 03 अक्टूबर को है। इस दिन महाअष्टमी मनाई जाएगी। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा होती है। इस माता को जामुनी रंग का वस्त्र अर्पित करना शुभ होता है। इसी दिन कन्या पूजन भी किया जाता है।
नौवां दिन
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 4 अक्टूबर को है। नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इस दिन गुलाबी रंग का इस्तेमाल करना शुभ रहेगा।
डिस्क्लेमर: लेख में प्रदान की गई समस्त जानकारी मान्यताओं पर आधारित है PNN24 न्यूज़ इसकी पुष्टि नही करता है।
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