तारिक़ आज़मी (दुर्ग से इनपुट आरती जोशी)
वाराणसी: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में सर्राफा कारोबारी से हुईं हत्या और लूट के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता आज वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के रहमो-करम और कर्तव्य निष्ठां के कारण हासिल हो गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने यहाँ हुई हत्या और लूट के मामले में फरार चार आरोपियों को माल सहित आज वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र स्थित अन्ध्रापुल से गिरफ्तार किया है। इस गिरफ़्तारी में सिगरा इस्पेक्टर राजू सिंह और नदेसर चौकी इंचार्ज राजकुमार पाण्डेय की की भूमिका सराहनीय रही। इत्तिफाक की बात थी कि अन्धरापुल से गिरफ़्तारी के समय हमारा गुज़र हो रहा था और उक्त गिरफ़्तारी में वाराणसी के सिगरा इस्पेक्टर राजू सिंह और नदेसर चौकी इंचार्ज राजकुमार पाण्डेय की हिम्मत को अपनी आँखों से देखा।
छत्तीसगढ़ पुलिस को इस दो गिरफ़्तारी के बाद गौरव कुमार जो मूलतः झारखंड का रहने वाला है और खुद को बीजेपी नेता बताता है के द्वारा नया आरोपियों की जानकारी दिया गया। जिसके बाद एक शूटर का नंबर छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला जिसकी लोकेशन वाराणसी बता रही थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट से मदद की दरकार किया। अपने कर्तव्यो के लिए हमेशा तत्पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के लिए पूरा जाल बिछाया और उनकी ट्रेवेल लोकेशन लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ अभियुक्तों की कार DL-4CAH-2592 का पीछा शुरू किया।
छत्तीसगढ़ पुलिस अपनी गाडी से और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस अपनी गाडी से थी। आँखों देखा हाल ये है कि एक तरफ छत्तीसगढ़ पुलिस को इन कुख्यात और शातिर शूटरो से डर था कि कही भीड़ भाड वाले इलाके में गोली न चला दे, तो दूसरी तरफ वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के सिगरा इस्पेक्टर राजू सिंह और नदेसर चौकी इंचार्ज राज कुमार पाण्डेय को खुद के हिम्मत पर भरोसा था। एक जाल की तरह कार के आगे से पैदल सड़क पार करते हुवे सिगरा इस्पेक्टर आगे आ गये जिससे कार चालक ने झटके से कार रोकी और तभी ड्राइविंग सीट के शीशे पर एक ज़ोरदार मुक्का राजकुमार पाण्डेय का पड़ा जिससे छन्न से करके शीशा टूट गया।
शीशा टूटते जब तक अभियुक्त कुछ समझते वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने तब तक गाडी से चारो चिन्हित अभियुक्तों को खीच कर अपने वाहन में बैठा लिया और तेज़ी के साथ गाडी सीधे सिगरा थाने को निकल पड़ी। जहा जाकर समाचार लिखे जाने तक अभियुक्तों से पूछताछ जारी है। गाडी में इन चार अभियुक्तों के साथ एक युवती भी मौजूद थी। उस युवती से भी महिला सिपाही और दरोगा पूछताछ कर रही है। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की इस सफलता की जानकारी जिसको भी हासिल हुई वह सभी पुलिस के कार्यशैली की तारीफ कर रहे है।
एक तरफ जहाँ छत्तीगढ़ पुलिस ने इस मामले में अपने परचम को बुलंद करने के लिए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की सफलता को अपने नाम करने के लिए सेल्फी और फोटो खीच कर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पत्रकारों को भेज रही है। वही हकीकत है कि वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की अब तक की गई पूछताछ ने छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सहयोग दिया कि इस हत्या और लूट कांड में मृतक के करीबियों की भी भूमिका संदिग्ध है। पकडे गए अभियुक्तों में गया (बिहार) निवासी सौरभ कुमार सिंह, वाराणसी के निकट चंदौली निवासी अभय कुमार भारती उर्फ बाबू, छपरा (बिहार) निवासी आलोक कुमार यादव और मुजफ्फरपुर निवासी अभिषेक कुमार झा है।
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