ईदुल अमीन
वाराणसी: वाराणसी में दालमंडी नई सड़क और आसपास के इलाकों में निवास करने वाले पटाखा कारोबारी इस बार काफी नुकसान में गए है। दरअसल हर साल दीपावली के अवसर पर तीन दिन तक पटाखे की मार्केट लगती थी और प्रशासन के द्वारा उसके लिए लाइसेंस भी जारी किया जाता था। मगर इस बार आज जब देश छोटी दीपावली मना रहा है उस दिन तक रात होने को आई है, मगर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
नर्गिस बेगम ने बताया कि इस साल भी प्रशासन ने विभिन्न स्थलों को चिन्हित किया था और वहा बाज़ार लगाने के लिए कहा था। जिसमे प्रमुख स्थल संपूर्णानंद था। जहा बाज़ार लगाना था। नर्गिस बेगम ने आरोप लगाते हुवे कहा कि यह बात सभी को पता थी कि बेनिया में अब मार्किट लग नही सकती है। मगर एक व्यापारियों के हितो की रक्षा हेतु कसम खाए हुवे शख्स ने खुद के ज़ाती मुफात के लिए कारोबारियों को आश्वासन दिया कि बेनिया में बाज़ार लगेगी। जिसके बाद कारोबारियों ने बेनिया में बाज़ार लगाने के लिए लाइसेंस की मांग किया जो आज भी पेंडिंग है। नर्गिस बेगम का दावा है कि उन्होंने इन दुकानों को बनवाने वाले से बात किया और असलियत जानने हेतु खुद के लिए तीसरी दूकान भी बुक करवा लिया। जिसके साक्ष्य भी उनके पास उपलब्ध है।
नर्गिस बेगम ने एक काल रेकार्डिंग हमको उपलब्ध करवाते हुवे बताया कि मैंने जब उस व्यापारी नेता और व्यापारियों के हितो हेतु बने संगठन के पदाधिकारी से इस सम्बन्ध में बात किया तो उन्होंने साफ़ साफ पहले तो मना किया कि मैं कोई मार्किट नही लगवा रहा था और उक्त दुकाने मैंने अपने लिए बनवाया था। मगर बाद में बातचीत में उन्होंने कहा कि दुकाने लगाना था और मैंने सब तैयारी कर लिया था सभी जगह बात हो गई थी। मगर किसी ने सुबह आपत्ति कर दिया तो अब दुकाने लगने को लेकर असमंजस है। नर्गिस बानो ने बताया कि व्यापारी नेता जी ने कहा था कि दुकाने बनने के बाद वह खुद गेट पर खड़े होकर लाइसेंस जांचते और पैसे लेकर दूकान उपलब्ध करवाते। नर्गिस बेगम ने अपने इन दावो के समर्थन में हमको एक काल रेकार्डिंग भी उपलब्ध करवाया है। हम कॉल रेकार्डिंग की पुष्टि नही करते है मगर बातचीत में वह सभी बाते जिनका दावा नर्गिस बेगम कर रही है
इन आरोपों पर कटाक्ष करते हुवे नर्गिस बेगम ने कहा कि समझ नही आता है कि आखिर व्यापारी हितो की बात करने वाले लोग वाच मैंने की ड्यूटी तक पूरी कर रहे है। मुझको दर्द सिर्फ उन कारोबारियों का है जिन्होंने उधार क़र्ज़ करके किसी तरह चार पैसे कमाने के गरज से माल खरीदा था और मार्किट लगने पर बेचने का अरमान था कि मार्किट में नियमानुसार इसकी बिक्री करके क़र्ज़ के पैसे वापस कर देंगे और चार पैसे बच जायेगे। मगर कुछ लोगो ने अपने मुफात के लिए उनके इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। नर्गिस बेगम ने कहा कि मैं अपने क्षेत्र के हर एक कारोबारी के साथ खडी हु और उनके हित की रक्षा के लिए हर एक लड़ाई लड़ने को तैयार हूँ।
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