उफ़…! निर्दयी थी माँ या थी कोई मज़बूरी जो गन्ने के खेत में छोड़ दिया नवजात
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): माँ दुनिया का एक ऐसा लफ्ज़ है जो हमारे लिए पूरी दुनिया होती है। माँ के बिना पूरी दुनिया अधूरी होती है। एक माँ का मर्तबा दुनिया में सबसे आला होता है। मर्तबा भी खुदा ने ऐसा बख्शा कि जन्नत ही माँ के कदमो में उतार दिया या फिर यूँ कहे जिन्हें माँ जैसी दौलत नसीब हो जाए तो दुनिया ही उनके लिए जन्नत हो जाती है। एक औरत जब अपने कोख में 9 माह बच्चे को पालती है तब कही जाकर उसे माँ का ओहदा मिलता है। माँ 9 माह कोख में बच्चे को रखती है और बच्चे की आने की ख़ुशी को लेकर हजारो रंग के ख्वाब अपनी आँखों में संजोये रखती है। मगर क्या एक माँ ऐसी ज़ालिम भी हो सकती है जो अपनी कोख से जन्मे नवजात को फेंक दे। क्या एक माँ एक इतनी निर्दयी हो सकती है कि ऐसा करते वक्त उसके दिल को नगवार भी नहीं गुज़रा। कैसे उस माँ का दिल माना होगा। न जाने उस माँ की क्या मज़बूरी रही होगी
मामला लखीमपुर खीरी ज़िले का है जहाँ गन्ने के खेत में कलयुगी मां ने अपने नवजात शिशु को बारिश में भीगता गन्ने के खेत मे छोड दिया जिसकी स्थानीय प्रधान पुत्र को सूचना मिली। वही प्रधान पुत्र पहुंचे और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। यह मामला संपूर्णानगर थाना क्षेत्र के ग्राम रानीनगर का बताया जा रहा है जहां पर गांव के गन्ने के खेत में सुबह एक नवजात शिशु पड़ा हुआ मिला। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने सूचना ग्राम प्रधान को दी ग्राम प्रधान पुत्र जितेंद्र कुमार ने अपने ग्रामीण साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और नवजात शिशु को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
वही नवजात शिशु मिलने की सूचना ग्राम प्रधान ने स्थानीय पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है और वही नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया गया। ग्राम प्रधान पुत्र जितेंद्र कुमार ने बताया लगातार बारिश के चलते बच्चा पूरी तरीके से भीग गया था। डॉक्टरों ने किसी तरीके से उसकी जान बचाई फिलहाल बच्चे अब खतरे से बाहर है। पूरे मामले की जानकारी चाइल्डलाइन को भी दे दी गई है। उसके बाद बच्चे को अडॉप्ट करने की प्रक्रिया शुरू करी जाएगी।-