आदिल अहमद
नई दिल्ली: दीवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर की आब-ओ-हवा हर दिन बिगडती ही जा रही। धुंध की मोटी चादर ने दिल्ली शहर की आब-ओ-हवा को अपनी आगोश में ले लिया है। बताते चले कि आज भी दिल्ली-एनसीआर के इलाको में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता गंभीर है। दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर स्तिथि में पहुंच गया है। दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में AQI 418 (गंभीर) श्रेणी में पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वर्तमान में यूपी के नोएडा में “बहुत खराब” श्रेणी में 393, हरियाणा के गुरुग्राम में “बहुत खराब” श्रेणी में 318 और दिल्ली एयरपोर्ट टी 3 के पास “बहुत खराब” श्रेणी में 333 है। दिल्ली में सुबह का AQI 418 दर्ज हुआ। आंनद विहार में AQI 449, मुंडका में 422, वजीरपुर में 434, नरेला में 429, बवाना में 447, अलीपुर में 419, अशोक विहार में 433, जहांगीरपुरी में 455 और इंडिया गेट 419 दर्ज किया गया है।
हालांकि दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को हवा की दशा और दिशा बदलने से वायु प्रदूषण में सुधार हुआ था। हवा गंभीर श्रेणी से निकलकर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई थी। मामूली सुधार के बावजूद दमघोंटू हवा से लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ बनी रही। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिन तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के निचले स्तर में बनी रहेगी। वैसे कल की तुलना में आज का एक्यूआई कुछ कम रहा। आज सुबह का एक्यूआई 346 दर्ज किया गया है। लेकिन बाद में इसका स्तर और बढ़ गया।
सुबह-सुबह नोएडा का एक्यूआई 393, और गुरुग्राम का 318 दर्ज किया गया। इससे पहले सोमवार को यह 424 के साथ सीजन में पहली बार गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया था। साथ ही फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा की हवा भी गंभीर दर्ज की गई थी। हालांकि, बीते 24 घंटे में एनसीआर के सभी शहरों की हवा में भी मामूली सुधार हुआ है। सबसे कम 310 एक्यूआई गुरुग्राम का रहा है।
केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 2.5 माइक्रोमीटर से बड़े कणों की पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 में 55 फीसदी तक हिस्सेदारी रही है। पीएम 10 का स्तर 329 और पीएम 2.5 का स्तर 179 माइक्रोमीटर प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिन तक हवा की रफ्तार आठ से 15 किलोमीटर प्रतिघंटे तक दर्ज की जा सकती है। वहीं, पांच नवंबर से मौसमी दशाओं के बदलने की वजह से हवा की सेहत में और सुधार दर्ज किया जा सकता है
बताते चले कि बीते 24 घंटे में पंजाब में अभी तक की सर्वाधिक तीन हजार से अधिक जगहों पर पराली जली है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, 3634 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। वहीं, हरियाणा में 166, उत्तर प्रदेश में 25, दिल्ली में शून्य, मध्यप्रदेश में 284 और राजस्थान में 63 जगहों पर पराली जलाई गई हैं।
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